वाराणसी। सोमवार को नीट की परीक्षा में धांधली करने वाले गिरोह के भंडाफोड़ होने के बाद पकड़े गए आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो काफी अहम जानकारी सामने आई। दरअसल सारनाथ के परीक्षा केंद्र से पकड़ी गई काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के BDS सेकेंड ईयर की छात्रा जूली कुमारी त्रिपुरा के हिना विश्वास की जगह NEET परीक्षा में बैठी थी। खास बात यह है कि दोनों एक दूसरे को जानती-पहचानती भी नहीं हैं।
25 लाख में तय हुआ था सौदा:-
त्रिपुरा के एडीसी साउथ कचुछारा ढलई निवासी धनाढ्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले गोपाल विश्वास ने अपनी बेटी हिना को मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पास कराने के लिए सॉल्वर गैंग से 25 लाख रुपए में सौदा तय किया था। जूली कुमारी सहित 4 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब हिना और उसके पिता की धरपकड़ के लिए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की एक टीम जल्द ही त्रिपुरा रवाना की जाएगी। वहीं, जूली और उसकी मां बबिता देवी को पुलिस ने अदालत में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया।
पटना में बैठक सरगना करता है संचालन:-
इस सॉल्वर गैंग का बेस पटना में है। जहाँ से गैंग का सरगना पटना निवासी PK इसका संचालन करता है। PK इतना शातिर है कि वह फोन का काफी कम इस्तेमाल करता है। ज्यादातर संदेश वह कुरियर से भेजवाता है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि पटना के PK के लिए लखनऊ स्थित KGMU के एमबीबीएस फाइनल ईयर का स्टूडेंट मऊ जनपद के गोहनाबाद निवासी ओसामा शाहिद और बिहार के खगड़िया का विकास कुमार महतो कैंडिडेट सप्लाई करते थे। दोनों वाराणसी पुलिस की गिरफ्त में हैं और पूछताछ पूरी होने के बाद उन्हें भी जेल भेजा जाएगा। मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र निवासी ओसामा शाहिद पढ़ाई के साथ ही यह देखता था कि कोचिंग सेंटर में मेडिकल की तैयारी करने वाले ऐसे कौन से छात्र-छात्राएं हैं जो किसी भी कीमत पर एमबीबीएस करना चाहते हैं। इसके बाद वह उनसे सीधे संपर्क करता था। हिना और उसके पिता से भी ओसामा ने ही संपर्क किया था।
फर्जीवाड़े की पूरी प्रक्रिया का हुआ खुलासा:-
NEET परीक्षा में फर्जीवाड़े के असफल प्रयास को उजागर करने के बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो कई अहम बातें सामने आईं। सॉल्वर गैंग के A कैटेगरी के एजेंट नामी कोचिंग सेंटर में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं की टोह लेते रहते हैं। इनमें से वह धनाढ्य परिवार के बच्चों और उनके पढ़ाई के लेवल के बारे में जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद वह किसी तरह से उनके अभिभावक से मिलते हैं और उन्हें आश्वस्त करते हैं कि उनके बच्चे का हर हाल में दाखिला मेडिकल कॉलेज में होगा। अपनी बातों के समर्थन में वह 2 से 3 साल में चयनित हुए बच्चों की फोटो और उनका नाम-पता भी दिखाते हैं। हिना और गोपाल विश्वास के साथ भी सॉल्वर गैंग के सरगना PK के एजेंट्स ने भी ऐसा ही किया।
कैंडिडेट से सौदा तय होने के बाद सॉल्वर गैंग की B कैटेगरी के एजेंट मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले उन मेधावी छात्र-छात्राओं के बारे में जानकारी जुटाते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के होते हैं। गिरफ्तार की गई जूली भी गरीब परिवार की है। सॉल्वर गैंग के एजेंट विकास कुमार महतो ने जूली से नहीं बल्कि उसकी मां बबिता देवी को 5 लाख का लालच दिया। समझाया कि 5 लाख रुपए में परिवार के दिन बहुर जाएंगे और आपके पति मुन्ना कुमार मेहता सब्जी बेचना छोड़ कर कोई अन्य काम शुरू कर सकेंगे। बबिता देवी लालच में आ गई और उसने अपने साथ अपनी बेटी का स्वर्णिम भविष्य बर्बाद कर दिया।
पुलिस रविवार शाम से ही दे रही हैं दबिश:-
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कहा कि सॉल्वर गैंग का नेटवर्क बहुत बड़ा है। गिरोह के सरगना से लेकर सदस्य तक बेहद ही शातिर किस्म के होते हैं। सभी अपने मोबाइल नंबर के साथ ही रहने की जगह भी लगातार बदलते रहते हैं। लेकिन, पुलिस टीमें रविवार शाम से ही लगातार दबिश दे रही हैं और सॉल्वर गिरोह के बारे में कुछ अहम जानकारियां हमारे हाथ लगी हैं। पूरा विश्वास है कि जल्द ही रोपी एक-एक कर पकड़े जाएंगे।