वाराणसी। मऊ के घोषी से सांसद अतुल राय और दुष्कर्म पीड़िता के आत्मदाह प्रकरण में एसआईटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद शासन स्तर से कार्रवाई शुरू हो गई है। वाराणसी पुलिस के दो एडिशनल एसपी पर विभागीय जांच का आदेश दिया गया है। इसमें तत्कालीन एडीसीपी काशी जोन विकास चंद्र त्रिपाठी और एडीसीपी वरुणा विनय कुमार सिंह हैं। विनय कुमार सिंह इस समय एडीसीपी प्रोटोकॉल तो विकास चंद्र त्रिपाठी लखनऊ पुलिस मुख्यालय में एडिशनल एसपी के पद पर तैनात हैं।
शिकायती जांच को गंभीरता से ना लेने और लापरवाही बरतने का आरोप
दोनों अधिकारियों पर पीड़िता की शिकायत की जांच को गंभीरता से नहीं लेने और मामले की निगरानी में लापरवाही बरतने का आरोप है। प्रकरण में अतुल राय के करीबियों द्वारा लगातार धमकाने और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने की एसआईटी रिपोर्ट मिलने के बाद शासन ने विनय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों के अंदर जवाब देने का आदेश दिया है। उधर, विकास चंद्र त्रिपाठी पर भी विभागीय जांच बैठाई गई है।
लंका थाने में मई 2019 में दर्ज हुआ था दुष्कर्म का मुकदमा
बलिया की रहने वाली युवती ने बसपा सांसद अतुल राय पर एक मई 2019 को लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें गवाह के तौर पर गाजीपुर के भंवरकोल निवासी एक युवक था। पिछले माह 16 अगस्त को नई दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट परिसर के बाहर पीड़िता व गवाह ने आत्मदाह कर लिया था। तत्कालीन पुलिस अफसरों पर लापरवाही और बसपा सांसद अतुल राय के करीबियों पर धमकाने का आरोप लगाने वाली दुष्कर्म पीड़िता और गवाह साथी की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद शासन स्तर से पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड डॉ. आरके विश्वकर्मा और एडीजी महिला सुरक्षा व बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत को सौंपी थी। एसआईटी की रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद से शासन की ओर से पुलिस अफसरों पर कार्रवाई शुरू है।