वाराणसी। मां बाप की डांट, उनका किसी चीज के अत्यधिक इस्तेमाल पर रोकना किसी भी बच्चे को रास नहीं आता है जो कि एक स्वाभाविक बात है, पर परिजनों द्वारा लगाई गई नैतिक बन्दिशों से किसी बच्चे के मन को ऐसा आघात करे कि वह अपने लत और गुस्से को छोड़ने के बजाय, अपना जीवन ही त्याग दें, यह बात वर्तमान समय के बच्चों के मन में पनपती असहिष्णुता की पुष्टि करता है। बुधवार की शाम वाराणसी में एक ऐसी ही घटना घटी जिसने उन सभी परिजनों के मन में डर पैदा कर दिया जो अपने बच्चों को गलत राह पर चलने या गलत काम करने से मना करते हैं ।
क्या है मामला:-
शिवदासपुर सिंधोरिया कॉलोनी निवासी ट्राली चालक, कमलेश यादव का बेटा गोविंदा (15), मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल पर परिजनों द्वारा मिली डांट से रुष्ट होकर अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कॉलोनी में ही मृतक के पिता का दूसरा मकान है जहां ज्यादातर समय कोई नहीं रहता है। उसी में जाकर किशोर ने फांसी लगा ली। शाम में उधर से गुजर रही पड़ोस की महिला ने कमरे के खुली खिड़की से देखा तो वह फंदे से झूल रहा था। हादसे से परिवार में कोहराम मच गया।
मोबाइल गेम की सनक बनी मौत की वजह:-
परिजनों ने बताया कि गोविंदा तीन भाइयों और एक बहन में दूसरे नंबर पर था, वह कक्षा 7वीं का छात्र था। मृतक चाट की दुकान लगाना चाहता था लेकिन पिता ने उसे पढ़ने के लिये कहा। उसने पिता से मोबाइल मांगा, जिसपर वो अपनी पढ़ाई कर सके। कमलेश ने एक मोबाइल उसे लाकर दिया, मगर वह उसपर दिनभर गेम खेलता था। आज भी वह जब मोबाइल पर गेम खेल रहा था, तो बड़े भाई ने उसे डांटा और मोबाइल छीन लिया। इसके बाद परिजनों ने भी गोविंदा को सख्त हिदायत दी कि जब स्कूल खुलेगा तो मोबाइल उसे दिया जाएगा। इसी गुस्से में आकर उसने आत्महत्या कर लिया।
घटना की खबर पाकर मौके पर पहुंची मंडुआडीह पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।