वाराणसी। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में लखनऊ जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को वाराणसी पुलिस ने लखनऊ से लाकर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में गुरुवार को व्हील चेयर पर पेश किया। आरोप है कि पूर्व मंत्री ने जेल से ही बनारस के एक व्यापारी को फोन पर धमकी दी थी ।
बता दें कि गायत्री प्रजापति को लखनऊ जेल से वाराणसी जिला कारागार लाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत बी वारंट लखनऊ जिला जेल को पूर्व में भेजा गया था। और चार्जशीट भी दाखिल हुई थी। अब इस प्रकरण को लेकर गायत्री प्रजापति को वाराणसी में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में गुरुवार को स्वास्थ्य कारणों से व्हील चेयर पर पेश किया गया है, दोपहर बाद इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो दोनों पक्षों के अधिवक्ता मौजूद रहे। गायत्री प्रजापति को अदालत में पेश करने के बाद शाम 5 बजे के बाद उनको लखनऊ जेल में दाखिल करने के लिए पुलिस टीम अपने साथ ले गई। इस दौरान गायत्री प्रजापति के समर्थक और उनके अधिवक्ता भी मौजूद रहे।
आरोप कुछ इस प्रकार है :
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में लखनऊ जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर 9 जून 2018 को जंगमबाड़ी निवासी फर्नीचर कारोबारी अरविंद तिवारी को जेल से ही फोन पर धमकी देकर ठेके के कमीशन को मांगने का आरोप लगा था विवेचना कर रहे तत्कालीन दशाश्वमेध थाने के इंस्पेक्टर बालकृष्ण शुक्ल ने गायत्री का नाम मुकदमे से निकाल दिया था। मीडिया के द्वारा यह बात उच्चाधिकारियों तक पहुंची थी। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर नए सिरे से जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी।
दूसरी बार भी जांच हुई :
इसके बाद तत्कालीन एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र नाथ की देख रेख में हो रही विवेचना में सुबूतों के आधार पर गायत्री प्रजापति का नाम चार्जशीट में जोड़ा गया था। कुछ दिनों में चार्जशीट तैयार होने के बाद इस मुकदमे के वांछित गायत्री को लखनऊ से जिला कारागार वाराणसी लाने की प्रक्रिया फिर शुरू की गई थी। क्राइम ब्रांच के विवेचना अधिकारी ने 2018 में ही कोर्ट से बी वारंट लेकर लखनऊ जेल में तामील कराया था। अब लखनऊ जेल के अधिकारियों की सक्रियता के बाद गायत्री प्रजापित को बनारस भेजा गया है। इससे पहले भी बी वारंट लखनऊ जेल भेजा गया था।लेकिन मेडिकल जांच में अस्वस्थता के आधार पर गायत्री को यहां नहीं पहुंचाया जा सका था।