वाराणसी। शहर में घटना को अंजाम दे रहे टप्पेबाज़ो के धरपकड़ अति सक्रिय वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की टीम को मंगलवार को एक और सफलता हाथ लगी। विगत 16 जुलाई को थाना कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत हुई टप्पेबाजी की घटना का अनावरण करते हुये टप्पेबाजी की घटना को अंजाम देने वाले चार शातिर किस्म के अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से धोखाधड़ी करके जो रुपये चोरी किये गये 87,990 नगद बरामद किया है।
बहला फुसलाकर पर किया था बैग:-
राजेन्द्र कुमार वर्मा निवासी बक्सर बिहार द्वारा शिकायत कि गई कि दिनांक 16 जुलाई 2021 को अपने निवास स्थान बक्सर से चांदी के जेवर खरीदने के लिए अपने पुत्र रंजन कुमार वर्मा व अपने रिश्तेदार देवदीप वर्मा के साथ बनारस आ रहे थे। जब वे लोग मछोदरी पार्क (स्वामी नारायण मंदिर) के पास अपनी गाड़ी से उतरकर चौक के लिए रिक्शा का इंतजार करने लगे तो उसी समय टप्पेबाजों द्वारा आकर उन सभी लोगों को बहलाफुसलाकर उनके पास रखे रुपये को धोखाधड़ी करके ले लिया गया।
तीसरी आंख की पकड़ में आयें शातिर:-
पुलिस ने क्षेत्र मे लगे सीसीटीवी कैमरों को खंघाला और सीसीटीवी कैमरे से वीडियो फुटेज प्राप्त कर घटना में प्रयुक्त गाड़ी की जानकारी प्राप्त कर इस घटना को कारित करने वाले टप्पेबाजों फतेह अली निवासी लखनऊ, आबिद अली जाफरी, मजुलूम हुसैन, शहबाज अली को गिरफ्तार कर लिया गया।
कुछ रुपयों की हुई बरामदगी तो वहां हुए जब्त:-
टप्पेबाजों के पास से जो रुपये वादी मुकदमा व उसके लड़के व उसके रिस्तेदार से ले लिया गया था उन रुपये में से 87990 रुपये बरामद करने में सफलता प्राप्त करते हुये भारी मात्रा में नकली विभिन्न रंग के छोटे बड़े नग, एक जोड़ी सोने की कंगन व घटना में कारित करने वाले वाहन को जब्त कर लिया गया।
यह थी टप्पेबाज़ी कि तकनीक:-
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग आपस में मिलकर वाराणसी शहर के भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर व बाजारों में घूम घूम कर लोगों को अपने बातचीत में उलझाकर व धोखाधड़ी करके उनके पास रखे हुये रुपये व उनके असली जेवरात को अपने पास रख नकली जेवरात से बदल कर फरार हो जाते है। 16 जुलाई को भी गायघाट के पास मिले व्यक्तियों को अपनी बातों में उलझाकर उन लोगों के बैग से लगभग पाँच लाख रुपये निकाल लिए और वहां से भाग गये थें। हम लोगों के पास से जो नग और अंगूठी बरामद हुआ है वह सभी नकली है, हम लोग नकली नग और अंगूठी को लेकर घूमते रहते है और लोगों को असली बताकर धोखे में रखते हुये बेच देते हैं या अपनी बातों में उलझाकर, ध्यान भटकाकर लोगों के असली सामान से बदल लेते हैं।