वाराणसी। मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव को सावन का महीना सबसे ज्यादा प्रिय है। तीसरे सोमवार पर काशी विश्वनाथ में लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ रहै हैं।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण विशेष व्यवस्था की गई है।
कोरोना काल से पहले 2019 तक कावड़ यात्रा में अन्य राज्यों और जिलों से लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती थी, लेकिन पिछले साल की भांति इस साल भी नियम और व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना प्रोटोकॉल नियम के कारण कावड़ यात्रा पर रोक लगी हुई है।
बता दें कि सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा के अर्धनारीश्वर स्वरूप की पूजा होती है।पुरोहितों के अनुसार कोविड-19 की वजह से या अन्य कारणों से जो लोग, मन्दिर नहीं जा सकते वे घरों में भी अगर गायत्री मंत्र का उच्चारण करके स्नान करें और मौन रखते हुए दान दें तो उनको इसका बहुत ही धार्मिक महत्व प्राप्त होगा। पतियों की लंबी उम्र के लिए स्त्रियां इस दिन विशेष रूप से व्रत भी रखती हैं।बाबा के अर्धनारीश्वर स्वरूप के दर्शन और जलाभिषेक से अत्यंत कल्याणकारी योग होता है।
सावन के तीसरे सोमवार को बाबा का अर्धनारीश्वर का श्रृंगार सुगंधित फूलों से करने की परंपरा है। यह झांकी अद्भुत और आकर्षक होती है। यह श्रृंगार शाम के समय श्रृंगार भोग आरती से पूर्व किया जाता है।
इससे पूर्व पूरे मंदिर परिसर को भी फूल पत्ती मालाओं से सजाने का क्रम चल रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने इस बाबत बताया कि सावन के तीसरे सोमवार को मंगला आरती के पश्चात भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर का पट खुल जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए देर शाम तक बाबा के दर्शन और जलाभिषेक कर सकेंगे। श्रद्धालुओं के आने जाने और दर्शन पूजन के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से यह व्यवस्था की गई है।
इन चीजों का जरूर ध्यान रखे :
मंदिर प्रशासन ने इस बाबत अनुरोध जारी किया है कि बाबा दरबार दर्शन को जब भी जाएं तो प्रतिबन्धित वस्तुओं को बाहर लॉकर में जमा कर ही कतार में लगें। धक्का- मुक्की कतई न करें सभी को मिलेगा दर्शन -किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति दिखे तो पास में ही तैनात सुरक्षाकर्मी को जानकारी आवश्य दें। ज्ञानवापी एसपी ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, कैमरा, ब्लेड चाकू, पेन, पेनड्राइव, बीड़ी सिगरेट, लाइटर माचिस आदि को लेकर कतार में न लगें। यह सारी वस्तुएं अमानती गृह या लॉकर में जमा कर ही मंदिर में आएं। मंदिर परिसर को हर छह घंटे पर सेनेटाइज किया जाएगा। आपात स्थिति के लिए चिकित्सक, एम्बुलेंस और एनडीआरएफ टीम को भी तैनात किया गया है। पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है।
रिपोर्ट: वीरेश कुमार भारद्वाज