वाराणसी। काशी के लक्खा मेला में शुमार विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली के भरत मिलाप की तैयारी जोरों से शुरु हो गई है। कोविड काल के चलते दो साल बाद भरत मिलाप होने जा रहा है। प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए आयोजन करने के अनुमति दी है। शनिवार को इसका आयोजन भारत मिलाप मैदान, नाटी इमली में होगा। इसे लेकर काशीवासियों और श्रद्धालुओं में काफी उत्साह और खुशी का माहौल है। नाटी इमली मैदान में बांस बल्लियां लगनी भी शुरु हो गई है।
इसी क्रम में अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था अनिल कुमार सिंह ने शुक्रवार को नाटी इमली मैदान का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों सहित समाज और आयोजन समिति के पदाधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
अपर पुलिस आयुक्त अनिल कुमार सिंह सुरक्षा व्यवस्था और कार्यक्रम में उमड़ने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बता दें, लक्खा मेले में शुमार इस आयोजन की शुरुआत लगभग 478 साल पहले मेघा भगत ने की थी। मेघा भगत प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्तों में से एक थे। ऐसी मान्यता है कि सपने में मेघा भगत को मर्यादा पुरुषोत्तम के दर्शन हुए थे। सपने में प्रभु के दर्शन के बाद ही रामलीला और भरत मिलाप का आयोजन किया जाने लगा। आज भी ऐसी मान्यता है कि कुछ पल के लिए प्रभु श्रीराम के दर्शन होते हैं। यही वजह है कि महज कुछ मिनट के भरत मिलाप को देखने के लिए हजारों की भीड़ यहां हर साल जुटती रही है। काशी राज परिवार भी इस मशहूर भरत मिलाप का साक्षी बनाता है।