वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल के ट्रेड फैसिलिटी सेंटर सभागार में आयोजित अखिल भारतीय मेयर सम्मेलन में देश के कोने-कोने से आए लगभग 120 महापौरो को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा कि काशी का विकास पूरे देश के लिए विकास का एक रोडमैप बन सकता है। देश में ज्यादातर शहर पारंपरिक शहर ही हैं, पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुए हैं।आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता की भी उतनी ही अहमियत है।
काशी की अर्थव्यवस्था मे गंगा का है अहम किरदार:-
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी के गंगा घाट पर दुनियाभर के पर्यटक आते हैं। काशी की अर्थव्यवस्था को चलाने में माता गंगा का बहुत बड़ा योगदान है। हम सभी को अपने शहरों की नदी के प्रति एक संवेदनशील अप्रोच अपनानी होगी। उन्होंने महापौरों से कहा कि उन्हें तय करना चाहिए कि उनके शहर की हर गली में बल्ब एलईडी हो। इससे नगर पालिका, महानगर पालिका के बिजली का बिल काफी कम हो जाएगा और रोशनी भी अच्छी मिलेगी। शहर के हर घर में भी एलईडी बल्ब उपलब्ध हो, इससे मध्यम वर्ग के घरों में बिजली का बिल कम होगा।
दिव्यांगजनों के लिए हो विशेष नियोजन;-
पीएम ने कहा कि शहरों में दिव्यांगजनों को ध्यान में रखते हुए हर नई इमारत, नई रोड या अन्य निर्माण कार्य में सुगम्य भारत अभियान के प्रावधानों का पालन होना चाहिए। दिव्यांगजनों की तकलीफ को अपनी योजनाएं बनाते वक्त ध्यान में रखना जरूरी हैं।प्रधानमंत्री ने प्राचीन शहर वाराणसी में हाल के घटनाक्रमों का उल्लेख किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि काशी का विकास पूरे देश का रोडमैप हो सकता है। देश के अधिकांश शहर पारंपरिक शहर हैं, जिन्हें पारंपरिक तरीके से विकसित किया गया है।
आधुनिकता के साथ ही साथ शहर कि विरासत को भी बचना है;-
प्रधानमंत्री मोदी ने मयरों को संबोधित करते हुए कहा कि हमे आधुनिकीकरण के इस युग में इन शहरों की प्राचीनता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। शहर हमें विरासत और स्थानीय कौशल को संरक्षित करना सिखा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि मौजूदा संरचनाओं को नष्ट करना कोई रास्ता नहीं है बल्कि कायाकल्प और संरक्षण पर जोर दिया जाना चाहिए। यह आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाना चाहिए।
वार्ड ब्युटि कॉम्पटिशन का हो आयोजन - पीएम का सुझाव
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के लिए शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया और आश्चर्य जताया कि क्या उन शहरों को मान्यता देने के लिए नई श्रेणियां हो सकती हैं जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों के साथ-साथ स्वच्छता हासिल करने के लिए सबसे अच्छा प्रयास कर रहे हैं। स्वच्छता के साथ-साथ शहरों के सौंदर्यीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने मेयर से इस संबंध में अपने शहरों के वार्डों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने को कहा। उन्होंने महापौरों से स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित 'रंगोली' प्रतियोगिताएं, स्वतंत्रता संग्राम पर गीत प्रतियोगिता और लोरी (लोरी) प्रतियोगिता जैसे 'आजादी का मैरिट महोत्सव' से संबंधित कार्यक्रम चलाने के लिए भी कहा।
शहरों के जन्मदिन पर कार्यक्रम हो धूमधाम से:-
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि महापौरों को अपने शहरों का पता लगाना चाहिए और उनका जन्मदिन मनाना चाहिए। नदियों वाले शहरों को नदी महोत्सव (नदी उत्सव) मनाये जाने पर भी उन्होंने जोर देते हुए नदियों की महिमा को फैलाने की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि लोग उन पर गर्व करें और उन्हें स्वच्छ रखें। “नदियों को शहर के जीवन के केंद्र में वापस लाया जाना चाहिए। यह नगरों में एक नया जीवन लाएगा।”
"वेस्ट तो बेस्ट" पर दिया प्रस्ताव:-
प्रधानमंत्री ने मेयरों से सिंगल यूज प्लास्टिक के खात्मे के खिलाफ अभियान को फिर से शुरू करने को कहा। उन्होंने मेयरों से कचरे से धन बनाने के तरीके तलाशने को कहा। उन्होंने जोर दिया कि "हमारा शहर स्वच्छ और स्वस्थ भी हो, यही हमारा प्रयास होना चाहिए"।
संगठनों के सहयोग से प्रतिमाओं कि महत्ता का हो प्रचार :-
उन्होंने महापौरों से शहर की एनसीसी इकाइयों से संपर्क करने और शहरों की मूर्तियों को साफ करने के लिए समूह बनाने और 'आजादी का अमृत महोत्सव' की भावना से व्यक्तित्वों पर भाषण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा। इसी तरह मेयर अपने शहर में एक जगह की पहचान कर सकते हैं और पीपीपी मोड के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव के साथ एक स्मारक बना सकते हैं।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट कि तर्ज [आर हर शहर कि एक वस्तु हो प्रचलित:-
'एक जिला एक उत्पाद' कार्यक्रम का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महापौरों से शहर में किसी विशिष्ट उत्पाद या स्थान द्वारा प्रचारित अपने शहरों की एक विशिष्ट पहचान के लिए जोर देने को कहा।
सार्वजनिक परिवहन को मिले बढ़ावा :-
प्रधानमंत्री ने उनसे शहरी जीवन के विभिन्न पहलुओं के संबंध में लोगों के अनुकूल सोच विकसित करने को भी कहा। सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने मेयरों से सुगम्य भारत अभियान-सुलभ भारत अभियान के अनुसार यह देखने के लिए कहा कि उनके शहर में हर सुविधा दिव्यांगों के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि "हमारे शहर हमारी अर्थव्यवस्था की प्रेरक शक्ति हैं। हमें शहर को एक जीवंत अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाना चाहिए।"
फेरीवालों को करें सशक्त- मोदी
“स्ट्रीट वेंडर हमारी अपनी यात्रा का हिस्सा हैं, हम हर पल उनकी परेशानी देखेंगे। उनके लिए पीएम स्वानिधि योजना बहुत अच्छी है। उन्होंने मेयर अपने शहर में उनकी एक सूची बनाएं और उन्हें मोबाइल फोन लेनदेन करना सिखाएं। इससे बेहतर शर्तों पर बैंक वित्त की सुविधा होगी", प्रधान मंत्री ने कहा। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान उनका महत्व बहुत स्पष्ट रूप से सामने आया।
"मैं आपका पहला छात्र बनूँगा"- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महापौरों से काशी के विकास के लिए अपने अनुभवों से सुझाव देने पर जोर देते हुए कहा कि "मैं आपके सुझावों के लिए आभारी रहूंगा और मैं आपका पहला छात्र बनूंगा"। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल अहमदाबाद के मेयर थे और देश उन्हें आज भी याद करता है। प्रधानमंत्री ने महापौरों से विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि मेयर का पद एक सार्थक राजनीतिक कैरियर के लिए एक कदम हो सकता है जहां आप इस देश के लोगों की सेवा कर सकते हैं”।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0नीलकंठ तिवारी, लगभग 120 मेयर सहित कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, नगर आयुक्त प्रणय सिंह सहित अन्य लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।