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आनंद गिरि का बनारस कनेक्शन BHU से स्नातक और योग तंत्र में की है पीएचडी।

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Posted On:Wednesday, September 22, 2021

 वाराणसी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के आत्महत्या मामले में सुसाइड नोट के आधार पर बताए जा रहे आरोपी आनंद गिरि वाराणसी कनेक्शन बड़ा ही महत्वपूर्ण रहा है जहां उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक करी और उसके बाद योगतन्त्र में पीएचडी की है। महंत जी के करीबी शिष्यों में रहे आनंद गिरि इसके पहले भी विवादों में घिरे हुए थे। दरअसल वह ऑस्ट्रेलिया में एक महिला से बदसलूकी करने के मामले में जेल तक जा चुके हैं जिसे बाद में जमानत दे दी गई थी। इसी समय से आनंद गिरि के बुरे समय शुरू हो गए और संत परंपरा के उल्लंघन करने पर गुरु महंत नरेंद्र गिरि ने इन्हें अखाड़े से निकाल दिया था।

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मूल निवासी आनंद गिरी चार भाइयों में सबसे छोटे है। वेद और ऋषि परंपरा के प्रति झुकाव के कारण 10 वर्ष की आयु में गुरुकुल में प्रवेश लिया सन्यासी जीवन की ओर आकृष्ट होकर गुरु से दीक्षा लेकर सन्यासी बन गया। दीक्षा लेने और सन्यासी बनने के बाद उसने सन्यासी चोला ओढ़ संस्कृत आयुर्वेद और वेदों की पढ़ाई के साथ बीएचयू से स्नातक किया और लोकतंत्र में पीएचडी भी की। इसके बाद वह 2003 में निरंजनी अखाड़े में आ गया जहां उसे पहली बार अखाड़े का थानापति बनाकर बड़ौदा स्थित मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साल भर के अंदर ही वर्ष 2004 में बागांबरी मठ की गद्दी पर वह महंत बन कर बैठ गया और देखते ही देखते महंत नरेंद्र गिरि का सबसे करीबी शिष्य बन गया।


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