ताजा खबर
आज से शुरू होंगे पंचक, भूलकर भी ना करें ये काम, देवघर के ज्योतिषी से जानें सबकुछ   ||    दिल के मरीजों के लिए दवा का काम करती है चुकंदर, इन तरीकों से खाने में करें शामिल   ||    मानहानि मामला : गुजरात की अदालत ने केजरीवाल, संजय सिंह के खिलाफ फिर जारी किया समन   ||    महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 16-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 'अमृत जनरेशन' अभियान शुरू किया   ||    Steel Price Per Kg Today in India 2023: यहां जानें क्या हैं आज आपके शहर में स्टील का भाव   ||    Petrol-Diesel Price: कच्चे तेल के दाम में उछाल, यहां महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल; देखें नई कीमत   ||    Gold Silver Rate Today, 08 June 2023: सोना हो गया सस्ता, चांदी में भी बड़ी गिरावट, जानिए 10 ग्राम सो...   ||    अरब सागर से उठा तूफान गुजरात से कर्नाटक और गोवा तक मचाएगा उथलपुथल! मैप में देखें कब कहां से गुजरेगा   ||    10 कदम पर जज की कुर्सी... वकील की ड्रेस में दनादन फायरिंग, इतिहास बन गया गैंगस्टर संजीव जीवा   ||    बृजभूषण के खिलाफ नाबालिग ने बदला बयान, पिता ने बताया क्यों लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप   ||   

आनंद गिरि का बनारस कनेक्शन BHU से स्नातक और योग तंत्र में की है पीएचडी।

Posted On:Wednesday, September 22, 2021

 वाराणसी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के आत्महत्या मामले में सुसाइड नोट के आधार पर बताए जा रहे आरोपी आनंद गिरि वाराणसी कनेक्शन बड़ा ही महत्वपूर्ण रहा है जहां उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक करी और उसके बाद योगतन्त्र में पीएचडी की है। महंत जी के करीबी शिष्यों में रहे आनंद गिरि इसके पहले भी विवादों में घिरे हुए थे। दरअसल वह ऑस्ट्रेलिया में एक महिला से बदसलूकी करने के मामले में जेल तक जा चुके हैं जिसे बाद में जमानत दे दी गई थी। इसी समय से आनंद गिरि के बुरे समय शुरू हो गए और संत परंपरा के उल्लंघन करने पर गुरु महंत नरेंद्र गिरि ने इन्हें अखाड़े से निकाल दिया था।

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मूल निवासी आनंद गिरी चार भाइयों में सबसे छोटे है। वेद और ऋषि परंपरा के प्रति झुकाव के कारण 10 वर्ष की आयु में गुरुकुल में प्रवेश लिया सन्यासी जीवन की ओर आकृष्ट होकर गुरु से दीक्षा लेकर सन्यासी बन गया। दीक्षा लेने और सन्यासी बनने के बाद उसने सन्यासी चोला ओढ़ संस्कृत आयुर्वेद और वेदों की पढ़ाई के साथ बीएचयू से स्नातक किया और लोकतंत्र में पीएचडी भी की। इसके बाद वह 2003 में निरंजनी अखाड़े में आ गया जहां उसे पहली बार अखाड़े का थानापति बनाकर बड़ौदा स्थित मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साल भर के अंदर ही वर्ष 2004 में बागांबरी मठ की गद्दी पर वह महंत बन कर बैठ गया और देखते ही देखते महंत नरेंद्र गिरि का सबसे करीबी शिष्य बन गया।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.