वाराणसी। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से शुक्रवार को लखनऊ में वर्ष 2020 के पुरस्कारों की घोषणा हुई। इनमें लोक भूषण सम्मान सहित कुल आठ पुरस्कार बनारस की झोली में आए हैं। इनमें से पांच पुरस्कार वर्ष 2020 में प्रकाशित पुस्तकों पर तथा शेष दो सर्जना पुरस्कार के रूप में शोधपरक लेखन के लिए दिए गए हैं।
डॉ. जयप्रकाश मिश्र को मिला 2.5 लाख का लोक भूषण
2.50 लाख सम्मान राशि वाला लोक भूषण सम्मान काशी के डॉ. जयप्रकाश मिश्र को दिया गया है। डा. मिश्र को हिंदी की दीर्घकालिक सेवा के लिए यह पुरस्कार मिला है। वर्ष 2020 में प्रकाशित पुस्तकों पर नामित पुरस्कारों की श्रेणी में दिए गए कुल 34 पुरस्कारों में से पांच बनारस के साहित्यकारों को मिले हैं। सम्मान स्वरूप 75 हजार रुपये की धरनाशि दी जाएगी।
इन पुरस्कारों का हुआ वितरण
इनमें निबंध ‘मनवा रे के लिए महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार ज्योत्सना प्रवाह, भोजपुरी कृति ‘अरज निहोरा के लिए राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार प्रकाश उदय, हिंदी में अनुदित कृति ‘महाकवि कालिदास कृत मेघदूत के लिए सुब्रमण्यम भारती पुरस्कार डॉ. चंद्रभाल सुकुमार श्रीवास्तव, शोध साहित्य लेखन में कजरी का इतिहास लिखने के लिए पं. रामनेरश त्रिपाठी पुरस्कार हीरालाल मिश्र ‘मधुकर, संगीत के क्षेत्र में ठुमरी एवं कथक कृति के लिए गिरिजादेवी पुरस्कार बीएचयू की डॉ .विधि नागर के नाम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त प्रकाशित पुस्तकों पर सर्जना पुरस्कार श्रेणी में घोषित कुल 31 पुरस्कारों में से बनारस को दो पुरस्कार मिले। इसके निमित्त 40 हजार रुपये की धनराशि भेंट की जाएगी। इस श्रेणी में हिंदी में पर्यावरण दिग्दर्शिका का सृजन करने वाले बीएचयू के डॉ. दयाशंकर त्रिपाठी को होमी जहांगीर भाभा पुरस्कार, सनातनी कथाओं पर आधारित कृति ‘कथा पुराण के लिए सोच विचार के संपादक नरेंद्रनाथ मिश्र को विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार दिया गया है।