वाराणसी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग(ए एस आई) ने पर्यटन स्थल सारनाथ के पुरातात्विक स्मारकों व स्तूपों पर उगे घासों की सफाई का कार्य बीते बुधवार से ही शुरू दिया है। पूर्व में भी पर्यटन स्थल होने की वजह से खंडहर परिसर में सुरक्षा कारणों से समय समय पर संरक्षण का कार्य किया जाता रहा है। बारिश के बाद से ही परिसर में खंडहरों पर काफी घास उग आई थी। इसको ठीक करने के लिए विभाग स्तर पर काफी समय से कवायद चल रही थी। अब परिसर में झाड़ झंखाड़ के साथ ही दीवारों और छतों पर उग आए घासों की सफाई का काम शुरू किया गया है।
विभाग की ओर से इस बाबत बताया गया है कि बारिश के दिनों में स्मारकों पर पानी पड़ने से घास उगने से स्मारकों की खूबसूरती कम होने लगती है। इसके साथ ही घास के आसपास मिट्टी जमकर खंडहर का क्षय भी करने लगते हैं। इसकी वजह से मानसून के अंतिम दौर में परिसर को पर्यटकों के आगमन के पूर्व ही साफ करने का क्रम शुरू किया गया है। अधिकारियों के अनुसार कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद पर्यटकों का आगमन शुरू होने जा रहा है। इसकी वजह से प्रतिवर्ष साफ सफाई का दौर विशेषज्ञों की देखरेख में संपन्न होता रहा है। इस लिहाज से 2021 में मानसून के विदायी के दौरान घासों की सफाई का दौर चल रहा है।
इसको लेकर पुरातत्व विभाग ने पुरातात्विक खंडहर परिसर के स्मारकों , चोखण्डी स्तूप स्मारकों पर उगी घासों की सफाई कार्य शुरू कर दिया गया है। साथ बारिश के दौरान स्मारकों पर लगी काई की सफाई भी की जा रही है। सफाई के लिए पुरातत्व कर्मियों के साथ एक दर्जन मजदूर लगाये गए है। इसमें लगभग 15 दिन का समय लगेगा। इसके बाद परिसर में विशेषज्ञों के देखरेख में पूरी टीम खंडहर सहित स्तूप परिसर की देखरेख शुरू की जा रही है।