वाराणसी। जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल की अध्यक्षता में आयोजित हुयी। बैठक में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर समीक्षा की गई।
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बाल संरक्षण योजना के उद्देश्य तथा किए गए कार्यों से समिति को अवगत कराया। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड 19) के कारण माता पिता, अभिभावक को खो चुके बच्चों के प्रकरण में ब्लॉक तथा तहसील स्तर से कुल 227 आवेदन पत्र जांचोपरांत प्राप्त हुए हैं। जिसमें जिला स्तरीय टास्क फोर्स से 202 आवेदन पत्र स्वीकृत हुए हैं। 182 बच्चो के खाते में तीन माह की धनराशि प्रति बालक/ बालिका 12000 प्रेषित की जा चुकी है, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) जिसमे मार्च 2020 के बाद अगर किसी बच्चे के माता पिता दोनों माता पिता में से कोई एक की मृत्यू अगर किसी भी कारण से हुई है तथा जो जीवित है उसकी आय 3 लाख से कम है को 2500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है इसके तहत 27 बच्चो के आवेदन पत्र जांच के उपरांत जिला बाल संरक्षण इकाई को प्राप्त हुए हैं।
बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किए जाने के मुद्दे पर समीक्षा के दौरान उप श्रमायुक्त को निर्देशित किया गया कि नियमित रूप से ढाबा, ईटभट्टा, इंडस्ट्रियल एरिया का निरीक्षण कर बाल श्रम में लिप्त बच्चों को मुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। बच्चो के संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर सभी विभाग सक्रिय होकर संवेदनशीलता से कार्य करें, चाइल्ड लाइन को जागरूकता गतिविधि बढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया। स्पॉन्सरशिप योजना में विकासखंड वार लंबित आवेदन पत्रों की समीक्षा की गई जिसमे काशी विद्यापीठ 7, अराजी लाइन 8, पिंडरा 6, हरहुआ 9, चोलापुर 14, बड़ागांव में 7 आवेदन पत्र ग्राम बाल संरक्षण समिति तथा विकासखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के स्तर पर लंबित पाए गए। लंबित आवेदन पत्रों को 15 दिन में स्वीकृत कराते हुए जिला बाल संरक्षण समिति को उपलब्ध कराने हेतु सम्बन्धित बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया गया।
बाल कल्याण समिति में जुलाई से सितंबर माह की अवधि में प्रस्तुत कुल प्रकरणों की समीक्षा की गई। मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना सामान्य तथा स्पॉन्सरशिप योजना में बच्चों के खाते बैंको द्वारा न खोले जाने संबधित तथ्य समिति के समक्ष लाया गया जिसमे अग्रणी बैंक प्रबंधक को समिति ने निर्देशित किया कि सभी बच्चो का संयुक्त खाता उनके अभिभावक के साथ जीरो बैलेंस पर खोले जाने हेतु शाखा प्रबंधक को निर्देशित करें। इसी के साथ शिक्षा विभाग, बाल विकास पुष्टाहार विभाग, श्रम विभाग तथा पुलिस विभाग सभी लोग अपने स्तर पर बच्चो की सुरक्षा व संरक्षण के दृष्टिगत अपने कार्यक्षेत्र में सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा बाल श्रम में योजित न हो अगर ऐसा पाया जाता है तो तत्काल जनपद स्तर पर सूचना देते हुए कार्यवाही करवाए सभी विभागों का दायित्व है कि बाल संरक्षण जैसे संवेदन शील मुद्दों पर बेहतर कार्य करें। सभी बाल देख संस्थाओं में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वास्थ्य विभाग की आर बी एस के की टीम को निर्देशित किया गया कि तत्काल सभी संस्था में आवासित प्रत्येक बच्चे की जांच करते हुए फोटोग्राफ सहित आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
बैठक में बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस विभाग से पुलिस उपाधीक्षक चारू द्विवेदी, जिला आबकारी अधिकारी शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, जिला विद्यालय निरीक्षक, परिवहन विभाग ,बाल विकास पुष्टाहार विभाग, पंचायत विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे साथ ही महिला कल्याण विभाग से जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला शक्ति केंद्र के अधिकारी, कर्मचारी स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।