वाराणसी। इस साल 14 मार्च को रंगभरी एकादशी का उत्सव मनाया जाएगा। रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा की तैयारियां बुधवार से शुरू हो गई हैं। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर एक तरफ जहां बाबा की रजत पालकी की साफ सफाई शुरु गई है, वहीं राजा दरवाजा में शिव पार्वती के राजसी परिधानों को तैयार किया जा रहा है।
राजादरवाजा में महादेव के राजसी वस्त्र नंदलाल मास्टर तैयार कर रहे हैं। यह दायित्व निभाने वाले टेलर मास्टर किशन लाल अपने परिवार की तीसरी पीढी के सदस्य हैं। रंगभरी एकादशी के अवसर होने वाले चार दिवसीय लोकाचार का शुरूआत 11 मार्च से शुरू हो जाएगी। महाशिवरात्रि पर बाबा की चल प्रतिमा का शिव-पार्वती विवाह विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर लोकपरंपरानुसार किया गया था।
महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि गौरा के गौना के लिए 11 से 14 मार्च तक महंत आवास गौरा के मायके में परिवर्तित हो जाएगा। 11 को महंत आवास पर माता गौरा की प्रतिमा के पूजन के बाद गौना की हल्दी होगी। गौनहारिनों की टोली मंगल गीत गाएगी। गौना के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा को अहमदाबाद के गांधी-आश्रम से भेजी गई खादी से बनी राजसी पोशाक धारण करेंगे।