वाराणसी। रविवार की सुबह अलग अलग घाटों की बात करें तो मणिकर्णिका घाट पानी में डूब गया है, इसलिए सड़क के ऊपर बने प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार की जगह बची है, तो वहीं हरिश्चंद्र घाट पर गली में शवदाह किया जा रहा है।
गंगा के बाढ़ का पानी घाट समेत कई इलाकों में घुस गया है। प्राप्त सूचना के अनुसार गंगा का
जल स्तर शनिवार की सुबह चेतावनी के स्तर को पार करने के बाद तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा था।जिससे वाराणसी के निचले इलाके डूबने शुरू हो गए हैं।
गंगा की सहायक नदी वरुणा के तटीय स्थानों पर अधिक चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि उफनती गंगा में बाढ़ आ गई और वरुणा तट के दर्जनों इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
केंद्रीय जल आयोग मध्य गंगा संभाग कार्यालय बाढ़ बुलेटिन के अनुसार, शनिवार सुबह वाराणसी में गंगा का जलस्तर 70.26 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर चुका था। और सुबह 8 बजे 70.36 मीटर के निशान पर बह रहा था। जलस्तर लगातार 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था और शाम 5 बजे तक यह 71.26 मीटर के खतरे के निशान के मुकाबले 70.63 मीटर के निशान को पार कर गया था। 9 सितंबर, 1978 को उच्चतम बाढ़ स्तर 73.90 मीटर दर्ज किया गया था।
रिपोर्ट: -वीरेश कुमार भारद्वाज