वाराणसी। उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित बनारस में अब सर्दी का असर दिखने लगा है। दिसंबर नजदीक आते ही ठंड में इजाफा होता जा रहा है। साथ ही सुबह और शाम कोहरा भी दिखने लगा है।रात में तापमान इतना कम हो जा रहा है कि लोगों को बाहर निकलने में डर लगने लगा है। वहीं, अधिकतम तापमान में भी कमी आई है। आज वाराणसी में काफी धुंध छाई है जिसके कारण धूप भी कमजोर दिख रही है। चिकित्सक भी लोगों को सर्दी से बचने की सलाह दे रहे हैं।
नवंबर 2021का सबसे अधिक कोहरा आज रिकॉर्ड किया गया। इससे वातावरण की दृश्यता 500 मीटर तक पहुंच गई। आज हवा में प्रदूषण भी ज्यादा है। इसमें धूल कणों की मात्रा काफी अधिक है। शहर की हवा में आज pm10 438 अंक तक पाया गया। इसी वजह से धुंध भी काफी रही।
13.8°c रहेगा रविवार का औसत तापमान :
आज शहर का औसत तापमान 13.8°c तक रहने की संभावना है। हवा में नमी 91% है , जबकि आज हवा बिल्कुल शांत है। बीती रात वाराणसी का न्यूनतम तापमान 10.2°c और शनिवार को अधिकतम 26°c तक तापमान रिकॉर्ड किया गया। यह सामान्य से 1°c कम रहा। आज जैसे जैसे दिन बीतेगा धीरे-धीरे धुंध भी छंट जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तर पश्चिमी हवाओं की वजह से ही वाराणसी समेत आसपास के इलाकों का मौसम तेजी से बदला है।आने वाले 2-4 दिन में फॉग और भी खतरनाक हो जाएगा। वहीं तापमान में गिरावट जारी रहेगी । फिलहाल, वाराणसी में दिसंबर के पहले सप्ताह से तेज ठंड पड़ने की संभावना है।
AQI : 298 अंक पर दर्ज:
वाराणसी में आज भी हवा की कंडीशन बेहद खराब है। हालांकि 3 दिन पहले aqi 150 से भी कम था। बनारस की aqi इस समय अत्यधिक खराब की कटेगरी मे है। आज वाराणसी की सबसे खराब हवा मलदहिया की रही। यहां का aqi 298 अंक तक गया। वहीं दूसरा सबसे प्रदूषित इलाका अर्दली बाजार, जहां का aqi 272 अंक हुआ। जबकि तीसरे स्थान पर 254 अंक के साथ भेलूपुर और 231 अंक लाकर bhu सबसे अंतिम पायदान पर रहा। शहर में आज pm2.5 प्रदूषकों की मात्रा 383 अंक पर दर्ज की गई। वहीं इससे भी खराब हालत में आज pm10 प्रदूषक दर्ज किए गए। इनकी मात्रा 438 अंक दर्ज की गई। श्वांस की बीमारियों वाले लोगों के लिए यह हवा बेहद नुकसानदायक हो सकती है।
ठंड के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में हुई वृद्धि:
तापमान में आ रही गिरावट के बीच लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगी हैं। इन दिनों अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार, जोड़ों में दर्द, सांस संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। चिकित्सकों ने इलाज के साथ ही सावधानी बरतने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी है।