वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में शोध प्रवेश प्रक्रिया में हुई अनियमितता एवं धांधली के खिलाफ पिछले 3 दिनों से चल रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का आंदोलन शनिवार को खत्म हो गया। छात्र विश्वविद्यालय द्वारा अपनी मांग मानने को लिखित में लेकर आंदोलन से उठे इसकी जानकारी सामाजिक विज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख, मुख्य नियंता, छात्र अधिष्ठाता की उपस्थिति में आंदोलनरत छात्रों को दी गई।
छात्र थे बेहद असंतुष्ट एवं अक्रोशित:
सामाजिक विज्ञान संकाय की राजनीति विज्ञान विभाग की शोध प्रवेश प्रक्रिया पर छात्र शुरू से ही संदेह प्रकट कर रहे थे इसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अनियमितताओं एवं धांधली के विरुद्ध अपना मोर्चा खोल दिया था।
छात्रों ने लगाए थे ये आरोप:
छात्रों का आरोप था कि उक्त विभाग द्वारा इस पूरी प्रवेश प्रक्रिया के नियमों को ताक पर रखकर धांधली की गई है, इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा 26 अगस्त को धरना प्रदर्शन एवं 27 अगस्त से क्रमिक भूख हड़ताल कर इस अनियमितता का विरोध कुलपति कार्यालय के समक्ष किया जा रहा था।
छात्रों द्वारा की गई प्रमुख मांगे:
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यह प्रमुख मांग थी कि वर्तमान विभागाध्यक्ष को आगामी प्रवेश प्रक्रिया से बाहर रखा जाए एवं प्रक्रिया को पूर्णतः निष्पक्ष बनाया जाये तथा पूरी प्रक्रिया विश्वविद्यालय की निगरानी में निश्चित समय अंतराल के अंदर संपन्न की जाए।
इस संबंध में शनिवार को क्रमिक भूख हड़ताल के दूसरे दिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यह दोनों मांगे मान ली गईं।
छात्रों को बताया गया कि जांच कमेटी द्वारा प्रस्तावित आगामी प्रवेश प्रक्रिया दिनांक 15 सितंबर से 25 सितंबर के बीच होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी सूचित किया कि छात्रों के आंदोलन के दृष्टिगत एवं प्रत्यक्ष रूप से अनियमितता पाए जाने पर विभागाध्यक्ष द्वारा खुद को इस पूरी प्रक्रिया से अलग कर लिया गया है।
आंदोलन में मुख्य रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री साक्षी सिंह, प्रांत सेवा कार्य प्रमुख सौरव राय एवं राणा प्रताप एबीवीपी विभाग संयोजक अधोक्षज पांडेय, विभाग सह संयोजक अभय प्रताप सिंह शामिल रहे। इस दौरान सूयज्ञ राय ,आस्था पटेल ,विपुल सिंह, सर्वेश सिंह, पल्लव, निशांत, राहुल इत्यादि कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही।