वाराणसी। कोरोना के तीसरी लहर की आशांका के बीच बुधवार से काशी हिंदू विश्वविद्यालय की ऑफ़लाइन कक्षा शुरू हो रही है। लगभग 18 माह बाद शुरू हो रही कक्षाओ में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के अंतिम वर्ष के छात्र शामिल होंगे जिनका विश्वविद्यालय पहुंचना शुरू भी गया। आज से सेंट्रल लाइब्रेरी भी अपनी पूरी क्षमता के साथ चलेगी और विभागों के लैब व स्मार्ट कलासेज भी शुरू हो जाएंगी। ये कक्षाएं हाइब्रिड मोड में चलेंगी, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पढ़ाई होगी।
छात्र अब पहुंचने लगे हैं कैंपस:-
बड़ी संख्या में छात्र बुधवार की सुबह से ही कैंपस पहुंचने लगे हैं। घर से बुलाने के बाद उन्हें हॉस्टल नहीं मिलेगा तो वे विरोध प्रदर्शन पर भी उतर सकते हैं। हॉस्टलों के वॉर्डन का कहना है कि उन्होंने अवैध छात्रों की सूची प्रॉक्टोरियल बोर्ड को सौंप दी है, जिन्हें हर हाल में आज ही बाहर का रास्ता दिखाना होगा। अभी भी कई छात्रावासों में करीब 250 कमरों में अवैध रूप से छात्र रह रहे हैं। सामाजिक विज्ञान के संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि जब तक हॉस्टल ख़ाली नहीं हो जाते, वो नए छात्रों को कमरा देने की प्रक्रिया नहीं शुरू कर पाएंगे।
कश्मकश में है प्रॉक्टोरियल बोर्ड:-
अब प्रॉक्टोरियल बोर्ड के ऊपर यह दबाव है कि हॉस्टल खुद के सुरक्षा गार्डाें के बल पर खाली कराए या इसमें जिला प्रशासन की मदद लें। बीते दिनों एक बैठक के दौरान एडिशनल सीपी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा था कि यदि BHU अनुमति दे तो पुलिस की सहायता से सभी अवैध छात्रों को एक दिन के भीतर हॉस्टल से निकाल दिया जाएगा। बहरहाल, प्रॉक्टोरियल बोर्ड के पास अवैध छात्रों की सूची मंगलवार शाम को आ गई है, जिस पर कार्रवाई किया जाना अभी बाकी है। उधर, कैंपस की स्थानीय पुलिस चौकी से मिली जानकारी के अनुसार 90 फीसद छात्रों ने अपने कमरे खाली कर दिए हैं। मगर जो सूची सौंपी गई है उसमें क़रीब 250 छात्र हॉस्टलों में ही बने हुए हैं।
बता दें कि बीते दिनों हुए बवाल के बाद से जिला प्रशासन और विवि प्रशासन में अवैध छात्रों को बाहर निकालने की सहमति बनी थी। वाराणसी पुलिस की ओर से कह दिया गया था कि हर हाल में शांति बनी रहनी चाहिए। इसके लिए उपद्रवी छात्रों को चिह्नित कर विश्वविद्यालय बाहर करे। गौरतलब है कि छात्रों के अवैध कब्जे में बिड़ला अ और स, एलबीएस और सामाजिक विज्ञान संकाय के हॉस्टल के कमरे हैं।
रिपोर्ट: सुदीप राज।