वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रविवार को नेपाल के मधेशी छात्रों ने काला दिवस मनाया। नेपाली छात्रों ने नेपाल सरकार और संविधान के विरोध में प्रदर्शन किया। BHU के सेंट्रल ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करते हुए दर्जन भर नेपाली छात्रों ने नेपाल सरकार और संविधान को अन्यायपूर्ण बताया। वर्ष 2015 में आज ही के दिन नेपाल में संविधान पारित किया गया था। छात्रों ने भारत सरकार से मधेशियों की समस्याओं का समाधान करने में मदद करने की मांग की।
समस्याओं का समाधान नहीं दे पा रही है सरकार:-
नेपाली छात्रों ने कहा कि सरकार आज मौखिक तौर पर मधेशियों से बात तो कर रही है, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं दे पा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह पक्षपात पूर्ण नेपाली संविधान है जिसे तुरंत बदला जाए। छात्रों ने सरकार से मधेशियों को पूरे अधिकार देने की मांग की।
नेपाल सरकार को दिए गए सुझाव:-
छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान हाथ में तख्ती और पोस्टर के साथ काला दिवस भी मनाया। उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार जल्द से जल्द अपने संविधान में हमारी मांगों को शुमार करे नहीं तो वे बड़े आंदोलन की तरफ बढ़ेंगे। छात्रों ने करीब 2 घंटे तक लगातार चले आंदोलन के बाद एक ज्ञापन भी जारी किया। इसमें नेपाल सरकार को कई सुझाव दिए गए हैं। इनमें शिक्षा से लेकर कोर्ट जाने तक का अधिकार देने की मांग की गई है।
इस दौरान जङजित कृतीकर विद्यावारिधि - शोध छात्र, अनामिका नेपाली, सितेश झा, सुशिल जैसवाल, अविनाश सिंह, रविराज कृतीकर, रंजित पटेल, अल्ताफ हुसैन, विनय चौधरी, अजय चौधरी थारु, संदिप राउत, अनुरोध साह, प्रविन मिश्र, समिर अंसारी, उमेश बडई, प्रियन्का साह, नेहा साह अन्य छात्र मौजूद रहे।