वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के महिला महाविद्यालय (MMV)में जूलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गणेश कुमार मौर्य को राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (NASI) द्वारा यंग साइंटिस्ट प्लेटिनम जुबली अवार्ड से सम्मानित जाएगा।
यह अवार्ड उन्हें बैक्टीरिया में जीनोम मेंटेनेंस पर बेहतर काम करने के लिए दिया जायेगा। डॉ. मौर्य बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकने के लिए नई एंटीबायोटिक्स दवाओं और तकनीक पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उनके द्वारा बैक्टीरिया में DNA रिप्लकेशन, सेल डिविजन और जीनोम सेग्रेगेशन पर कई रिसर्च पेपर पब्लिश हो चुके हैं। वह चकिया चंदौली के रहने वाले हैं। इससे पहले उन्हें बार्क की ओर से आउट स्टैंडिंग अवार्ड, भारत का यंग अचीवर, यूरोप से अर्ली करियर साइंटिस्ट ग्रांट समेत कई अंतरराष्ट्रीय खिताब मिल चुके हैं।
डॉ. मौर्य ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय से बीएससी, बीएचयू से एमएससी और बार्क से Phd की पढ़ाई पूरी की :
डॉ. माैर्य को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 2 साल के लिए स्टार्ट-अप रिसर्च ग्रांट-2021 भी मिल चुका है। इसमें 28 लाख रुपए भी मिले थे। डॉ. मौर्य ने बताया कि साल 2009 में पूर्वांचल यूनिवर्सिटी से BSc, 2012 में BHU से ही जूलॉजी में अपनी मास्टर डिग्री पूरी की। इसके बाद लाइफ साइंस से PhD करने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई (बार्क) चले गए। वहां पर उन्होंने प्रो. हरि एस मिश्रा के सुपरविजन में रिसर्च कार्य पूरा किया।
बार्क में रिसर्च पूरा करने के बाद 2017 में स्पेन के वेलेंसिया में फेडरेशन ऑफ यूरोपियन माइक्रोबायोलॉजिकल सोसाइटीज द्वारा अर्ली करियर साइंटिस्ट ग्रांट अवार्ड मिला। इसके बाद वह BHU में असिस्टेंट प्राेफेसर के पद पर नियुक्त हुए। इन्हें मास्टर और PhD दोनों में गोल्ड मेडल मिल चुका है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी और MMV की प्रिसिंपल प्रो. इनू मेहता ने कहा की इस सम्मान से कॉलेज में वैज्ञानिक मूल्यों का तेजी से विकास होगा। महाविद्यालय की छात्राओं में विज्ञान को लेकर नए बदलाव भी देखने को मिलेंगे।