वाराणसी। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से पीड़ित बच्चे अनमय के उपचार के लिए आज युवाओं की एक टोली विकास तिवारी के नेतृत्व में बीएचयू मुख्य द्वार के बाहर अनमय मदद के नाम की तख्तिया हाथो में लेकर क्राउड फंडिंग के माध्यम से मदद धनराशि जुटाने का अभियान चला रही है।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर जिले के 7 माह के अनमय सिंह का इलाज कर रहीं सर गंगाराम अस्पताल की डॉ. वेरोनिका अरोरा ने बताया है कि एसएमए टाइप-1 (Spino Muscular Atrophy) बेहद दुर्लभ किस्म की बीमारी है। इसमें बच्चों के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और उन्हें सांस लेने तक में बहुत परेशानी होने लगती है।
सात महीने के अनमय सिंह एसएमए टाइप-1 (SMA Type-1) नाम की बेहद दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे हैं। इस बीमारी में बच्चों के हाथ-पैर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं और उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है। बाद में ये अपनी किसी भी जरूरत के लिए पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अनमय की जान बचाई जा सकती है और वे भी किसी दूसरे सामान्य बच्चे की तरह जिंदगी जी सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एक विशेष इंजेक्शन जल्द से जल्द लगवाना होगा। इस इंजेक्शन के एक डोज की कीमत 16 करोड़ रुपये है, जिसे चुकाना किसी भी निम्न मध्यम वर्गीय परिवार के लिए संभव नहीं है। लिहाजा बच्चे की जान बचाने के लिए उनके माता-पिता क्राउड फंडिंग के जरिए मदद की गुहार लगा रहे हैं।