वाराणसी। कम्युनिटी मेडिसिन एसोसिएट प्रोफेसर आईएमएस बीएचयू डॉ. सुरेश कुमार झा ने विश्व शांति के लिए एक जप का आयोजन किया। यह जप 19अगस्त से 25 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने बताया कि 7 दिनों तक चलने वाले इस जप के बाद आठवें दिन हवन से इसकी समाप्ति होगी।
शास्त्रों में अपना ध्यान केंद्रित करना होगा:-
डॉ० सुरेश झा ने बताया कि हमें विज्ञान से इतर शास्त्रों में और भी अपना ध्यान केंद्रित करना होगा जिससे विश्व शांति स्थापित की जा सके। शास्त्रों में वर्णित सभी दोषों के निवारण हेतु उपाय सुझाए गए हैं हमें वैज्ञानिक तकनीकी के साथ-साथ शास्त्र सम्मत विचार के द्वारा विश्व की शांति का संकल्प करना होगा।
जप के संदर्भ में जानकारी देते हुए डॉ सुरेश ने बताया कि कलयुग में दृश्य अदृश्य दोषों जैसे गुरु चांडाल, दोष कालसर्प दोष, वास्तु दोष, ब्रह्मराक्षस का दोष, अघोर दोष व जिन आदि दोषों निवारण हेतु यह जप किए जा रहा हैं। वर्तमान 21वीं सदी में प्रवेश के पश्चात, सम्पूर्ण विश्व आपात परिस्थितियों से जूझते हुए निरंतर अशांत बना हुआ है। कोविड-19 ने मानव समाज को विचलित किया। वहीं अन्य दूसरा स्वरूप अफगान पलायन और तालिबान का हिंसात्मक कब्जा, जहां विश्व समुदाय को झकझोरता है वही आज विश्व प्रतिस्पर्धा के युग में स्व केंद्रित हो चुका है। समूचे विश्व में सभ्यता वैज्ञानिक परिपाटी पर ही गतिमान है परंतु मानवता के पक्ष में कोई ठोस उपाय नहीं हो सका है।
रिपोर्ट :आकृति बाजपेयी