वाराणसी। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नाम पर ठगों ने ठगी शुरू कर दी है। ताजा मामला कॉरिडोर में दुकानें आवंटित करने को लेकर ठगी करने का है। ठगों ने तीन लोगों को बाकायदा कॉरिडोर में 70 लाख रुपये में दुकानें आवंटित करते हुए फर्जी IAS अफसर के नाम का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। आरोप है कि, इस सर्टिफिकेट के लिए उनसे 50 प्रतिशत धनराशि के तकरीबन 35-35 लाख रुपये भी लिए गए हैं।
फेसबुक के माध्यम से दिया इश्तेहार:-
सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर कुछ दिनों पहले रियल स्टेट बिजिनेस लायन ग्रुप के नाम से एक पेज पर शशिकांत चौरसिया नामक एक प्रोफाइल से इश्तेहार दिया गया, जिसमें लिखा था विश्वनाथ कॉरिडोर में फेज वन में दुकान लेने के इच्छुक व्यक्ति संपर्क करें। इसमें दुकानों की साइज के हिसाब से रेट तय किया गया था। एक मोबाइल नंबर 8957311456 भी संपर्क के लिए दिया गया था।
कई लोगों ने इस कंपनी से संपर्क किया। ठगी का खुलासा तब हुआ जब शिकायतकर्ता मनोज प्रजापति सहित चार अन्य लोगों ने कंपनी द्वारा मिले प्रमाणपत्र की सच्चाई की जांच की। इसके बाद सबके होश ही उड़ गये।
जारी फर्जी प्रमाण पत्र का प्रारूप:-
प्रमाणपत्र में ऊपर सबसे पहले लिखा हुआ है काशी विश्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर वाराणसी। उसके बाद अशोक की लॉट के साथ प्रारूप अंकित है जिसपर लिखा है पंजीकरण प्रमाणपत्र। इस पत्र को जारी करने की जगह पर IAS आरके शर्मा लिखा हुआ है, जिन्हे दुकान का रजिस्ट्रार बताया गया है। वहीं, पत्राचार का पता विश्वनाथ मंदिर दिया गया है। भुक्त भोगियों को दुकान नंबर 24, 38 और 41 अलाट की गयी थी।
CEO बोले-"यह एक फर्जीवाड़ा है"
मंदिर के CEO सुनील कुमार ने मीडिया को बताया है कि, काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की दुकानों का आवंटन अथवा उसके लिए किसी भी तरह का पंजीकरण न तो मंदिर न्यास द्वारा हो रहा है और न ही विशिष्ट क्षेत्र प्राधिकरण की तरफ से किया जा रहा है। यदि ऐसा हुआ है तो यह एक फर्जीवाड़ा है जिसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि, हमने अपनी अधिकृत वेबसाइट पर भी दुकान आवंटन के कॉलम को होल्ड रखा हुआ है। इस तरह की कोई भी प्रक्रिया यदि होगी तो वह सबसे पहले विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी। इस सम्बन्ध में हम अधिकारियों के संपर्क में हैं प्रकरण की जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी।
किसी भी तरह की लगे जालसाजी तो प्रशासन को बताए:-
प्रकरण की जानकारी के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मीडिया को बताया कि, यदि किसी को इस तरह से फंसाया गया है तो वह तत्काल मंदिर प्रशासन को इससे अवगत कराये। ठगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराये। अभी मंदिर कॉरिडोर में किसी भी तरह की दुकान का अलाटमेंट नहीं हो रहा है। यदि ऐसा होगा तो इसमें सरकारी कार्यालय द्वारा नोटिस निर्गत की जायेगी।