वाराणसी। सर्व शिक्षा की राजधानी बीएचयू का भव्य सिंह द्वार आजकल धरने का एक मुख्य स्थल बनता जा रहा है| मामला चाहे जो भी हो प्रदर्शन सिंहद्वार को बंद करके ही किया जा रहा है| कुछ ऐसा ही वाकया सोमवार की दोपहर में देखा गया, जहां सर सुंदरलाल अस्पताल के कर्मचारियों व बीएचयू के छात्रों के बीच हुई झड़प के बाद अस्पताल कर्मियों ने सिंहद्वार को बंद कर विरोध किया, जिससे बीएचयू प्रांगण में जाने वाले विद्यार्थियों समेत अस्पताल के मरीजों को घंटों तक विरोध प्रदर्शन और बंद दरवाजे से खासी मुसिबत झेलनी पड़ी।
क्या है पूरा मामला:-
बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल के गेस्ट्रोलॉजी विभाग के ओपीडी में सोमवार को छात्रों और कर्मचारियों में मारपीट हो गई। घटना के विरोध में कर्मचारियों ने बीएचयू मुख्य द्वार बंद कर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं दूसरे तरफ छात्रों ने भी प्रॉक्टर ऑफिस के सामने धरना शुरू कर दिया।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों में राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि वह आज अपने ससुर को दिखाने के लिए गेस्ट्रोलॉजी विभाग गये थे। इसी दौरान वहां पहले से मौजूद कुछ छात्रों से उनकी धक्का मुक्की हुई। उसके बाद कुछ अन्य छात्रों ने भी वहाँ पहुंचकर उन्हें पिस्टल दिखाकर धमकी दी और उनकी सोने की चेन भी छीन ली। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि बीएचयू हॉस्टल में आये दिन अवैध तरीके से बाहर के छात्र रहते हैं और मारपीट करते हैं। उन्होंने जल्द से जल्द मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने की मांग की।
उचित कार्यवाही के आश्वासन पर खत्म हुआ प्रदर्शन:-
इधर मुख्य द्वार बंद के सूचना के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंची। इस दौरान कर्मचारियों ने लिखित शिकायत पुलिस को दिया। वहीं मौके पे मौजूद एसीपी प्रवीण सिंह सभी को समझा बुझाकर वापस भेजा और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस प्रशासन प्राप्त करने के बाद सिंहद्वार प्रदर्शनकारियों के गिरफ्त से खाली हुआ और यातायात पुनः अपने सामान्य स्तर पर पहुंच गया।