वाराणसी। कोविड-19 पर काफी हद तक नियंत्रण पाने के बाद मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन दोबारा शुरू हुआ। शनिवार को गरीब कल्याण दिवस व पं0 दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर जिले के सभी ग्रामीण व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित मेले में मरीजों की नि:शुल्क जांच और दवाइयां दी गईं।
चिकिस्तक व समस्त स्टाफ को दिये दिशा-निर्देश:-
इस अवसर पर शासन की ओर से नामित अपर निदेशक डॉ सतीश चंद सिंह ने पाण्डेयपुर शहरी पीएचसी पर लगे आरोग्य स्वास्थ्य मेला का निरीक्षण किया। इसके साथ ही चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चल रहे कोविड टीकाकरण सत्र का निरीक्षण किया। अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने अशफाक़ नगर व भेलूपुर शहरी पीएचसी का निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होने चिकिस्तक व समस्त स्टाफ को दिशा-निर्देश दिये।
52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का किया गया आयोजन :-
डॉ वीबी सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले की 52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेले का उद्देश्य है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।
जिले की 52 पीएचसी पर लाभान्वित हुए 3658 मरीज:-
मेले में कुल 3658 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें 1476 पुरुषों, 1712 महिलाओं और 470 बच्चों को देखा गया । इन स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगाकर 451 लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 2184 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गईं, जिसमें 989 व्यक्तियों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें सभी व्यक्ति निगेटिव पाये गए। इसके अलावा 80 लोगों की हेपेटाइटिस-बी की जांच हुई, बुखार के 239, 108 लोगों की मलेरिया जांच में सभी निगेटिव, 41 लिवर, 199 मरीज श्वसन, 320 उदर, 156 मधुमेह, 611 त्वचा संबन्धित मरीज, 25 टीबी के संभावित लक्षण दिखने वाले व्यक्ति, 46 एनीमिक (खून की कमी), 133 हाईपेर्टेंशन, 2 कैंसर, 304 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), 1471 अन्य रोगों के मरीज देखे गए। वहीं 35 मरीजों को संदर्भित किया गया। मेले में 43 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया। 10 मरीजों को चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा गया। इसके अलावा 8 मरीजों को जनरल सर्जरी एवं 34 मरीजों को आँख की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 8 मरीजों को सर्जरी, 4 मरीजों को ईएनटी सर्जरी, 4 मरीज को ओब्स एवं गायनी सर्जरी एवं 1 मरीज को अन्य सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। जिला स्तर पर मेले में 134 मेडिकल ऑफिसर एवं 496 पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य किया।
मेला में मिलीं सुविधाएं:-
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।