वाराणसी। ‘सब्र का फल मीठा होता है’, यह कहावत शुक्रवार को भाजपा नेता दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ के लिए सच साबित हुई। अध्यापक डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु को भी योगी सरकार-2.0 के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। बगैर चुनाव लड़े उन्हें योगी मंत्री मंडल में शामिल किया गया। माना जा रहा कि बनारस में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी दयालु के जिम्मे होगी। युवाओं में अपनी अलग पहचान रखने वाले तत्परता से किसी की भी समस्या का समाधान करने वाले डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु को पूर्वांचल के बड़ा चेहरा देखते हुए यह जिम्मेदारी दी गई। दयालु बनारस के डीएवी इण्टर कालजे के प्रधानचार्य हैं और पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। योगी सरकार ने उनके व्यहवहार और जनता के बीच प्रभाव को देखते हुए पूर्वांचल विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। और इसी प्रभाव को देखते हुए उन्हें योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
प्रखर समाजसेवी और विख्यात जननेता
भाजपा नेता डॉ दयाशंकर मिश्र एक कुशल वक्ता, प्रखर समाजसेवी और विख्यात जननेता हैं। समाज के हर वर्ग के बीच दयाशंकर मिश्र दयालु की अपनी विशिष्ट पहचान है। डॉ दयाशंकर मिश्र सकारात्मक राजनीति में विश्वास करते हैं और लगातार लोगों के बीच सक्रिय हैं। डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से पीएचडी उपाधि प्राप्त हैं और शहर के बौद्धिक विमर्शों में अपनी सक्रीय भागीदारी करते हैं। इसके अलावा शहर के किसी भी व्यक्ति के सुख, दुःख में यह निस्वार्थ भाव से शरीक होते हैं और यथासंभव मदद करते हैं। अपने क्षेत्र में दयाशंकर मिश्र “दयालु गुरु” के नाम से प्रसिद्द हैं और युवाओं में भी इनकी अच्छी लोकप्रियता है। दयालु गुरु समय-समय पर जन-जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करते रहते हैं और समाज के लिए बेहतर करने हेतु हरसंभव प्रयास करने को हमेशा तत्पर रहते हैं।
चुनाव में रहे सक्रिय
इस वर्ष हुए चुनाव में उन्हें किसी विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया पर उन्होंने भाजपा को जिताने के लिए अपने क्षेत्र में घर-घर संपर्क किया और लोगों को भाजपा की नीतियों से अवगत कराया। पूरे चुनाव भर वह पूरी तरह सक्रिय रहे। याद होगा, 2017 के चुनाव में उन्हें भाजपा द्वारा शहर दक्षिणी का टिकट दिए जाने की चर्चा थी पर मृदुभाषी और अध्यापक डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु की जगह डॉ नीलकंठ तिवारी ने इस विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। वहीं, साल 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी की शहर दक्षिणी सीट से चुनाव लड़ने वाले दयाशंकर मिश्र दयालु बहुत कम अंतरों से भाजपा प्रत्याशी श्यामदेव राय चौधरी से हार गए थे। इसके बाद साल 2014 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वाराणसी पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें रथयात्रा स्थित भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में भाजपा की सदस्य्ता दिलाई।
जिला यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे
दयालु ने वैसे तो राजनीति का ककहरा हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज से ही सीखा। बाद में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। वो यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही यूथ कांग्रेस की जिला व शहर कमेटी ने मिल कर वाराणसी के संवासिनी कांड का पर्दाफाश किया। हालांकि इसमें यूथ कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव “अन्नू” का बड़ा योगदान रहा।