वाराणसी। सर्किट हाउस पर अंडरग्राउंड पार्किंग बनने के बाद अब ट्रैफिक पुलिस ने कचहरी के बाहर खड़ी गाड़ियों को पार्किंग में भेजना और चालान करना शुरू किया है, जिसके बाद जिला मुख्यालय से लेकर आंबेडकर चौराहे तक वाहनों का सड़क के किनारे पार्क करना ख़त्म सा होता दिखाई दे रहा है पर पुलिस की इस सख्ती का असर सिर्फ न्यायालय परिसर के बाहर देखने को मिल रहा क्योंकि इधर दो दिनों में डीएम पोर्टिको के आस-पास अवैध पार्किंग पनप उठी है। ये गाड़ियां ज्यादातर वकीलों की है जिनकी मांग है कि उन्हें 100 रुपये महीने का पास जारी किया जाए अन्यथा वो ऐसे ही गाड़ियां पार्क करेंगे।
जिस स्थान पर एक साइकिल नजर नहीं आती थी आज वहां 5 से अधिक चार पहिया और 50 से अधिक दो पहिया वाहन नजर आने लगे हैं। ये सभी वकीलों और उनके मुवक्किलों के हैं जो पार्किंग में अपने वाहन न खड़े करके चालान के डर से न्यायालय परिसर में पार्क कर रहे हैं, जबकि यह न्यायालय परिसर आतंकवादी धमाकों का दंश भी झेल चुका है।
इस सम्बन्ध में दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह परमार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जो पार्किंग बनवाई गयी है और प्रशासन उसमे वाहन खड़ा करने को कह रहा है तो मै जिला प्रशासन से बता देना चाहता हूं कि वकील अपनी वकालत के पैसे से घर चलाते हैं। उनकी सरकारी सेलरी नहीं आती है। सरकारी पार्किंग का मनमाना शुल्क रखा गया है जो की अधिवक्ता बेयर नहीं कर सकता।
दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष ने साफ किया कि अधिवक्ता तभी इस पार्किंग में अपनी गाड़ियां खड़ी करेगा जब उसके लिए 100 रुपया प्रतिमाह का पास बनाया जाएगा। उससे अधिक एक रुपया नहीं देंगे। नहीं तो हम लोग बाहर सड़क पर खड़ा करेंगे वाहन। पहले वो व्यवस्थित तो करें कि अधिवक्ता वाहन कैसे और कहाँ खड़ा करेंगे। 200 रुपया दिन देकर कैसे कोई युवा अधिवक्ता वाहन खड़ा करेंगे।