वाराणसी। बनारस में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (71.26 मीटर) को पार कर गया है। रविवार सुबह केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर 71.36 मीटर तक पहुंचा। गंगा इस समय खतरे के निशान से दस सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सुबह सात बजे से गंगा में जलस्तर बढ़ने की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रति घंटा बनी हुई है। आज सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 71.37 मीटर दर्ज किया गया है।इसकी वजह से तटवर्ती कॉलोनियों के अलावा गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा की ओर भी नदी का रुख हो गया है। बाढ़ की वजह से वरुणा के तटवर्ती इलाकों में घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। गंगा में उफान से निचले इलाकों में दहशत का माहौल है। जलस्तर बढ़ने के कारण जहां शहरी कॉलोनियों में पानी घुसने लगा है, वहीं गलियों में भी नाव चलनी शुरू हो गई हैं।
अस्सी-नगवां मुख्य मार्ग पर गंगा का पानी चढ़ने से रास्ता बंद कर दिया गया है। घाट से जुड़ी गलियों में बाढ़ का पानी चढ़ने से नौका संचालन किया जा रहा है। वरुणा पार इलाके में दुश्वारियां बढ़ने से तेजी से पलायन हो रहा है। रविवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.96 मीटर पर था। 11 बजे गंगा का जलस्तर 70.98 मीटर पहुंच गया। 12 बजे से गंगा में दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ोतरी होने लगी और शाम सात बजे तक जलस्तर 71.14 मीटर तक पहुंच गया।
गंगा आरती सड़क पर:-
वाराणसी में बाढ़ के कारण घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। गंगा के बढ़ते जल स्तर के कारण अब सड़कों पर प्रसिद्ध 'गंगा आरती' का आयोजन किया जा रहा है। आरती के अस्थायी स्वरूप के कारण इसकी भव्यता काफी कम हो गई है।
वरुणा के तटीय गांवों में घुसा पानी:-
पिंडरा तहसील के वरुणा तटीय गांव कोइराजपुर, चमाव, भगतुपुर, दासेपुर, गोसाईपुर, करोमा सहित दर्जनों गांव में भी सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गयी हैं। रविवार को दोपहर में एसडीएम पिंडरा गिरीश द्विवेदी ने कोइराजपुर सहित अन्य गांवों का दौरा किया। एसडीएम ने काशी कृषक इंटर कालेज में बाढ़ राहत चौकी होने की जानकारी देते हुए प्रभावितों से वहां शरण लेने की अपील की। वरुणा किनारे रामेश्वर, लक्षिपुर, परसीपुर, रसूलपुर,जगापट्टी, नेवादा, औसानपुर, पांडेयपुर, खंडा,तेंदुई, सत्तनपुर के तटीय क्षेत्रों की फसलें डूब गई हैं। तहसीलदार राजातालाब मीनाक्षी पांडेय ने लेखपाल, व कानूनगो को बाढ़ चौकियों की स्थापना के बाबत स्थलीय तैयारी का आदेश दिया है। जंसा थानाध्यक्ष प्रेमनारायण विश्वकर्मा व रामेश्वर चौकी प्रभारी ने सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों की भीड़ को देखते हुए रामेश्वर घाट पर बांस की बल्ली व रस्सा, ट्यूब की व्यवस्था कराई । क्षेत्रीय किसान रामजी तिवारी, छोटेलाल, नागेंद्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, राजकुमार यादव, अवधेश यादव ने बाढ़ क्षेत्र में प्रभावित परिवारों की सुरक्षा व सहायता की मांग उठाई है।
जल पुलिस चौकी डूब गई : दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस की चौकी जलमग्न हो गई है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल डूब गया है। नावों से शवों को ले जाकर घाट पर बने मंदिर की छत और हरिश्चंद्र घाट के सबसे ऊपरी सीढ़ी पर शवदाह हो रहा है। सामनेघाट व रमना में शवदाह स्थल डूब गया है।
बाढ़ से फसलें डूबी;-
नगवां नाले में भी पानी तेज गति से बढ़ने लगा है। यहां रहने वाले लोग परिवार को गांव या रिश्तेदारों के घर भेज रहे हैं। लोगों ने बाढ़ आने की दशा में पुलिस कर्मियों या एनडीआरएफ के जवानों से गश्त कराने की मांग की है। पानी बढ़ने से रमना गांव में सैकड़ों बीघा से अधिक सब्जी की सफल डूब गई है।
रिपोर्ट :वीरेश कुमार भारद्वाज