वाराणसी। बुधवार सुबह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शक्ति टीम की ओर से बुद्धि-शुद्धि महायज्ञ का आयोजन किया गया। महिलाओं ने अस्सी घाट पर बने हवन कुंड में आहुति डालते हुए कहा ऐसी मानसिकता का 'स्वाहा' हो। एक तरह महिला सम्मान की बातें करते है जबकि दूसरी ओर महिलाओं पर फिबत्तियाँ कसते है।
शक्ति टीम की बीना सिंह ने कहा कि महिलाओं के सम्मान की बातें तो खूब होती है और उनको सम्मानित भी किया जाता है, मगर पूरे साल उनके साथ मानसिक ही नहीं शारीरिक शोषण भी होता है। अपनी बेटी की उम्र के बच्चियों को कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग गंदी और भद्दी फब्तियां कसते हैं मासूम बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं शारीरिक शोषण की शिकार हो रही है।
टीम की सीमा चौधरी ने कहा कि कौन कहता है कि बलात्कार सिर्फ शारीरिक होता है एक महिला होने के नाते हम तो यही कहेंगे कि बलात्कार मानसिक भी होता है। किसी के शरीर को आहत कर देना सिर्फ बलात्कार नहीं होता अपनी नजरों से एक महिला की आबरू पर गंदी नजर डालना भी बलात्कार होता है। कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं के कपड़े आजकल बलात्कार के कारण है तो उन लोगों से मैं पूछना चाहती हूं कि जो लोग दुपट्टे के ऊपर इस कदर नजर गड़ा कर देखते हैं की उसके दुपट्टे को चीरते हुए उनकी गंदी नजर उसके आत्मा तक पहुंच जाती है। महिलाओं को एक दिन का सम्मान नहीं चाहिए उनको देवी स्वरूप मत पूजिए बस उनको सम्मान के साथ समाज में सर उठाकर रहने दीजिए।