वाराणसी। बीते शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय बाढ़ पीड़ित लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए एक विज्ञप्ति जारी की जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बाढ़ से फैली अव्यवस्था के संबंध में सवालों से घेर डाला। उन्होंने कहा कि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण उत्तर प्रदेश के 30 से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित है। सरकार ने समय रहते कोई तैयारी नहीं की जिसका खामियाजा लोगों को जान और माल के नुकसान से चुकाना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जी काशी आकर थोड़ा-बहुत सर्वे कर निकल गए। वही उपमुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर दौरे में व्यस्त है। मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक हवाई वादों और फ़ोटो तक सीमित है।
सरकार केवल खानापूर्ति कर, प्रचार प्रसार में है व्यस्त :-
विज्ञप्ति में यह भी कहा कि वाराणसी के कई क्षेत्र बुरी तरह बाढ़ ग्रसित है। जिनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। वहीं गंगा, वरुणा, असी भी उफान पर है। तटवर्ती इलाकों में पानी का प्रकोप है। जिनकी सुध मुख्यमंत्री को नहीं है सवाल यह है की शासन में बैठे लोग इस तरह संवेदनहीन क्यों हो गए है ? सरकार अभी तक सिर्फ वादों में सीमित है प्रचार-प्रसार ही इस सरकार का मूलमंत्र है। अजय राय ने कहा की वाराणसी में बाढ़ से प्रभावित एक तरफ जहां कुछ लोग अपने घरों से सुरक्षित ठिकानों की तरफ पलायन कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका घर चारों तरफ से पानी से घिरा है। लेकिन अभी तक सरकार बस खानापूर्ति में व्यस्त है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बाढ़ का कहर है।
बाढ़ से हुए नुक्सान का मुआवजा दें सरकार :-
हमारी सरकार से मांग है की प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित पुनर्स्थापित कर जलमग्न बर्बाद हुई फसलों और तबाही से नुकसान की भरपाई के लिए जल्द से जल्द सर्वे करा मुआवजा दिया जाय। साथ जिन गरीब लोगों का जो घर बाढ़ की वजह से गिर गया है ढह गया है उन्हें यह सरकार मुआवजा दे और बाढ़ क्षेत्रों में नाव की व्यवस्था, राशन सामग्री, रोजमर्रा की वस्तुएं आदि प्रबन्ध सरकार दुरुस्त करे। इस विपदा के समय सरकार मार्केटिंग के जगह मूलभूत कार्यों पर अपना ध्यान आकर्षित करें।