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गूगल ने 'आर्ट्स एंड कल्चर' विशेष पेज में पंडित रविशंकर को दिया विशेष जगह

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Posted On:Thursday, April 8, 2021

वाराणसी, 08 अप्रैल । भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान देने वाले भारत रत्न पंडित रविशंकर को गूगल ने संगीत और कला साधकों की वैश्विक डिजिटल डिक्‍शनरी 'आर्ट्स एंड कल्चर' विशेष पेज में स्थान दिया है। 
 
बनारस की माटी में जन्म लेने वाले सितारवादक पं.रविशंकर को उनके जन्‍मदिन पर गूगल ने अपने विशेष पेज में शामिल किया है। पं.रविशंकर की सितार वादक बेटी अनुष्‍का शंकर ने अपने आधिकारिक इंटरनेट मीडिया पर इस जानकारी को शेयर किया है। 
  उन्होंने लिखा है 'मेरे पिताजी को जन्मदिन की बधाई! मेरे पिता ने एक बार कहा था, "संगीत में जादू तभी होता है जब कलाकार इसे प्यार और आनंद के साथ पेश करता है। सुनने वाले इसे उसी भावना से प्राप्त करते हैं। 
 
अनुष्का ने लिखा है कि 'मेरे पिता 20 वीं शताब्दी के सबसे महान संगीतकारों में से एक, मेरे गुरु के रूप में अवर्णनीय थे। जब हम उनका 101 वां जन्मदिन मना रहे हैं तो मैं गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के साथ अपनी साझेदारी का जानकारी देने पर बेहद खुश हूंं।'
 
गौरतलब हो कि 7 अप्रैल 1920 को वाराणसी में जन्‍मे पं. रविशंकर ने संगीत जगत में नृत्य से शुरूआत किया था। फिर बाद में उस्ताद अलाउद्दीन खान से विधिवत दीक्षा लेने के बाद सितार वादन में अपनी वैश्विक पहचान बनाई। पं​.रविशंकर ने पहली शादी गुरु अलाउद्दीन खान की बेटी से की थी। बाद में उनका तलाक हो गया। उन्होंने दूसरी शादी सुकन्या से की। उनकी संतान अनुष्का शंकर है। 
 
दूसरी शादी के बाद पं.रविशंकर अमेरिका में बस गये। संगीत में विशिष्ट योगदान के चलते पंडित रविशंकर को भारत सरकार ने 1999 में भारत रत्न से नवाजा था। उन्हें मैगसैसे, तीन ग्रैमी अवार्ड सहित देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। साल 1986 से 1992 तक वे राज्य सभा के भी सदस्य रहे। पं.रविशंकर की मृत्‍यु 11 दिसंबर 2012 को हुई थी। उनके निधन के बाद उनकी अस्थियां वाराणसी में प्रवाहित करने के लिए बेटियां और परिजन भी शहर में आए थे। 
 
 गूगल ने पं. रविवार के सभी उपलब्धियों के साथ वाराणसी में जन्म लेने की बात को भी पूरी वायोग्राफी में शामिल किया है। काशी सहित दुनिया भर में पंडित रविशंकर केे प्रशंसक और संगीत प्रेमी 'आर्ट्स एंड कल्चर' विशेष पेज में रूचि दिखा रहे है।


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