वाराणसी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान बुधवार को सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति, विभिन्न मन्दिरों के ट्रस्टियों, उद्योगपतियों तथा बैंको एवं अनाथालय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान डा0 सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के अति प्राचीन महत्वपूर्ण अभिलेखों, भवनों एवं अन्य ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित एवं उसका आधुनिक विकास करने के लिए सहयोग का आह्वान किया। उन्होनें विश्वविद्यालय को स्वयं आय का श्रोत बनाने की अपील करते हुए कहा कि ज्योतिषी एवं कर्मकाण्ड से सम्बन्धित जन सामान्य की अपेक्षाओं को अति सामान्य दर पर विश्वविद्यालय सुलभ कराये। यह विश्व विद्यालय के आय का अच्छा श्रोत बन सकता है।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय को नैक एक्रीडेशन में ’’ए’’ ग्रेड प्राप्त करने के लिए जनपद के विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं, उद्योगपतियों, विभिन्न मंदिर के ट्रस्टियों को आगे आकर सहयोग करने की अपील की। जिससे कि विश्वविद्यालय में अध्यनरत छात्रों को बेहतर पठन- पाठन व्यवस्था के साथ ही बुनियादी सुविधायें मुहैया हो सके और देव भाषा संस्कृत के प्राचीन ग्रन्थों एवं पाण्डुलिपियों को संरक्षित एवं सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने कमिश्नर एवं जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय के अपेक्षाओं एवं आवश्यकताओं का आंकलन कर स्थानीय जनपद के विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं, उद्योगपतियों, विभिन्न मंदिर के ट्रस्टियों, विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठक कर उनके सहयोग से इनकी पूर्ति कराने का प्रयास करें। उन्होंने दानदाताओं एवं सहयोग कर्ताओं से विश्व विद्यालय को मिलने वाले सहयोग राशि को नगदी रूप से प्राप्त करने से परहेज करने तथा इसका उपयोग समिति बनाकर किये जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने विश्व विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में भी सहयोग किये जाने हेतु भी लोगों से अपील की। उन्होंने कमिश्नर दीपक अग्रवाल से ओ0एन0जी0 सी0, इण्डियन आयल कारपोरेशन सहित अन्य कार्पोरेट क्षेत्र की कम्पिनयों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उनके सी0एस0आर0 फण्ड से विश्व विद्यालय को आर्थिक सहायता सुलभ कराकर यहां की बुनियादी आवश्यताओं की पूर्ति कराये जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति को अनाथालय में निवासरत बच्चों की निशुल्क कुंडलियां बनवाए जाने के लिए निर्देशित किया।
बैठक में कुलपति डा0 सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल सहित विभिन्न मन्दिरों के ट्रस्टियों, उद्योगपतियों तथा बैंको के प्रतिनिधि, अक्षयपात्र फाउण्डेशन सहित अन्य लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।
इससे पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल औद्योगिक आस्थान, चांदपुर स्थित बनारस बीड्स पहुंची और वहां के उत्पाद को देखा और उसकी सराहना की। बीड्स के प्रमुख अशोक गुप्ता ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए वहां की प्रमुख उत्पाद के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
बताते चलें कि बनारस बीड्स लिमिटेड भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक निर्यात घर है, जिसे वर्ष 1940 में स्थापित किया गया था। प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध हैं। बनारस बीड्स ग्लास बीड्स, फैशन ज्वैलरी और एक्सेसरीज का भारत का सबसे बड़ा निर्माता है। क्ले, ब्रास, एल्युमिनियम, कॉपर, रेजिन, सेरामिक्स, हॉर्न, बोन, सेमीप्रेशियस स्टोन्स, अगेट, लाख, हैंड पेंटेड बीड्स, स्प्रे पेंटेड बीड्स आदि से बने बीड्स में भी डील करता हैं। लेदर कॉर्ड्स, कॉटन वैक्स कॉर्ड्स और विविध भारत से बाहर हस्तशिल्प उत्पाद निर्यात करता है। कांच के मनके हस्तनिर्मित (लैंप वर्क) के साथ-साथ मशीन से बने (दबाए गए मोती और ट्यूब काटने की मशीन) हैं। बनारस बीड्स में भारत, जापान, चीन, इसारेल और जर्मनी से मोतियों के उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली नवीनतम मशीनें हैं।