वाराणसी। कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जिले में सात से सोलह सितंबर (दस दिन) तक चले विशेष अभियान में 1.62 लाख लोगों का सर्वेक्षण हुआ। इसमें 9055 में कोरोना जैसे लक्षण मिले। इसमें शहरी क्षेत्र में 3424 जबकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 5631 लोग शामिल हैं।
सर्वे रिपोर्ट को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अब सर्वे में कोरोना से मिलते जुलते लक्षणों वाले लोगों की अलग से सूची तैयार कराकर निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड संवेदीकरण व संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जिले में 1098 टीमों द्वारा छह लाख से अधिक घरों का भ्रमण किया गया। इसमें शहर में 460 टीमों ने करीब 2.31 लाख घरों का भ्रमण कर 56,636 व्यक्तियों का सर्वे किया। इसमें 3424 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण (सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि) मिले।
गांवों में 6145 व्यक्ति बुखार से पीड़ित मिले
ग्रामीण इलाकाें में 638 टीमों ने चार लाख घरों का भ्रमण कर 1.06 लाख लोगों का सर्वे किया। इस दौरान 5631 लोग कोविड लक्षण वाले मिले, जिनकी सेहत की लगातार निगरानी करते रहने का निर्णय लिया गया। जिला सर्विलांस अधिकारी और एडिशनल सीएमओ डॉ. एसएस कन्नौजिया ने बताया कि दस दिवसीय इस सर्वे में 6145 लोग केवल बुखार वाले मिले और 161 लोगों में मलेरिया, 47 में डेंगू के लक्षण मिले। सभी की जांच की जा रही है।
10224 बच्चे, 5266 महिलाएं टीकाकरण से वंचित
वाराणसी जिले में सामान्य टीकाकरण से वंचित होने वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं की संख्या भी कम नहीं है। दस दिवसीय इस सर्वे में ही पता चला कि 5266 गर्भवती महिलाएं और दो वर्ष तक के 10,224 बच्चे नियमित टीकाकरण में छूट गए हैं। यही नहीं 45 साल से अधिक उम्र वाले करीब 1.51 लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें कोरोना टीका की एक भी डोज नहीं लगी है। सभी को जल्द से जल्द टीका लगवाने की भी सलाह दी गई।