वाराणसी। सोमवार को विश्व पर्यटन दिवस पर दशाश्वमेध स्थित मानमहल आब्जर्वेटरी में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि धर्मार्थ, संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि वैश्विक वाणिज्य में पर्यटन की प्रमुख भूमिका है। यह कई देशों की अर्थव्यवस्था की धुरी है। विभिन्न संस्कृतियों से परिचय पर्यटन के माध्यम से सरल हो जाता है साथ ही एक यात्री के अपने मेजबान से बेहतर मेल मिलाप का भी कारण बनता है। अतः पर्यटन व इससे जुड़े उद्योग को प्रोत्साहित करते हुए इसे चलाने वाले व्यक्तित्व का समय-समय पर उत्साहवर्धन करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से पूरे वाराणसी शहर में पर्यटन विभाग द्वारा कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं जिसका आकर्षण सैलानियों को अपनी ओर खींच लाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक विद्वान पण्डित मुकेश त्रिपाठी व पण्डित अनूप शर्मा के आचार्यत्व में मंगलाचरण का किया गया। संयोजक पवन शुक्ला ने स्वागत करते हुए कहा कि अब काशी की पहचान देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अनुपम स्थान रख रही है। यहां की कला व संस्कृति और अपनत्व सा व्यवहार पर्यटकों को अनयास ही अपने पास खींच लाती है। जो सैलानी एक बार यहाँ आया दोबारा फिर आने की चाह रखता है। पर्यटन व इससे जुड़े लोगों के उत्साह के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धि प्राप्त व्यक्तियों को पर्यटन मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
सम्मान प्राप्त करने वालों में पंडित किशोरी रमण दूबे (संस्थापक, गंगोत्री सेवा समिति), शशिधर इस्सर (वरिष्ठ रंगकर्मी), विजय द्विवेदी (होटल व्यवसायी), अनिल सिंह (असिस्टेंट आर्कियोलॉजिस्ट, भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण ), मंजरी मालवीय ( संचालिका, अलखनंदा क्रूज), अभिषेक शर्मा (टूरिस्ट गाईड), अखिलेश प्रताप सिंह (पर्यटक), मंटू उपाध्याय (पर्यटक) आदि थे।