वाराणसी, 17 अप्रैल। कोरोना की दूसरी लहर अत्यधिक खतरनाक होने के बावजूद कुछ लोग सुधरने को तैयार नहीं है। शायद उन लोगों को यह गुमान हो चला है कि कोरोना उनका बाल भी बांका नहीं कर सकेगा। यह गलतफहमी जितनी जल्दी दूर हो जाए, उतना ही अच्छा, क्योंकि कोरोना वायरस अपना-पराया नहीं जानता। कोरोना को जाति-धर्म का भेद भी नहीं पता। उसका ध्येय तो फैलना है। जो मिलेगा उसी पर सवार हो लेगा। शनिवार को ये बातें नमामि गंगे के राजेश शुक्ला ने कही।
गंगा तट पर नियमित स्वच्छता और जनजागरूकता अभियान चलाने वाले राजेश शुक्ला ने कहा कि कोरोना संकट पर काबू पाने के लिए हमें कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा। ये बात बच्चे समझ गए हैं बड़े नहीं। सरकार हर दिन दोहरा रही है कि मास्क जरूर पहनें। हाथों की सफाई पर विशेष ध्यान दें और कहीं जाएं भी तो दो गज की शारीरिक दूरी बनाकर रखें। मगर, किसी भी मोहल्ले और बाजार खुलने पर हाल देख लें। हद यह भी है कि सेहत के लिए मॉर्निंग वॉक या जिम में पसीना बहाते वक्त भी लोग मास्क नहीं लगा रहे। क्या हम नहीं जानते इस लापरवाही का पहला शिकार हम स्वयं होंगे फिर संपर्क में आए स्वजन और इष्ट मित्र।
कहाकि यह दिख रहा है कि सरकार संक्रमण रोकने के लिए लगातार प्रयास में जुटी है। पर कोरोना वायरस को जाने अनजाने खाद पानी हम सभी दे रहे हैं। इसे बंद कर सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। इसी में आप-हम और सब सुरक्षित रहेंगे।