वाराणसी। बीएचयू अस्पताल में सेहत को लेकर लगातार लापरवाही जैसे आम बात होती जा रही है। कभी मेज पर, तो कभी स्ट्रेचर तो कभी एक ही बेड पर दो मरीजों का इलाज करना पढ़ता है। हद तो तब पार हो गयी जब बुधवार को इमरजेंसी में चिल्ड्रेन वार्ड के गेट पर तेज बुखार से तप रही चार महीने की नवजात बच्ची का जमीन पर ही ऑक्सीजन लगा कर इलाज करना पड़ा।
क्या है पूरा मामला ?
बिहार के भभुआ से बच्ची को लेकर परिजन बीएचयू की इमरजेंसी में पहुंचे। पर्चा कटाकर चिल्ड्रेन वार्ड पहुंचे तो पता चला कि बेड खाली नहीं है। जिसके बाद गेट पर ही जमीन पर लिटाकर बच्ची को ऑक्सीजन सिलिंडर लगा दिया गया। मजबूरन परिजन करते भी क्या। इसके अलावा वार्ड में तीन महिलाएं मेज पर बच्चे को लेकर बेड खाली होने का इंतजार करते दिखीं।
दूसरे जिले के भी मरीज पहुंच रहे :
डेंगू और वायरल फीवर से ग्रसित बच्चों के लिए सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में बनाए गए वार्ड में बेड खाली मिले। चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात थे, लेकिन वार्ड में कोई बच्चा भर्ती नहीं था। बीएचयू अस्पताल की इमरजेंसी और ओपीडी में मरीजों की बढ़ती भीड़ के आगे सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। सबसे अधिक परेशानी बच्चों को हो रही है। हालत यह है कि वाराणसी समेत आसपास के जिलों के साथ ही बिहार से भी लोग बच्चों को इलाज के लिए लेकर आ रहे हैं।