वाराणसी, 4 जून 2021 | सरकारी आंकड़ों में कोरोना की दूसरी लहर में मृतकों की संख्या भले कम हो, लेकिन वाराणसी में मृतकों की संख्या कहीं अधिक है। सामान्य दिनों में नगर निगम की ओर से 450 से 500 मृत्यु प्रमाण पत्र हर महीने जारी किए जाते हैं। इधर तीन महीनों से इसकी संख्या 2 से 3 गुना तक हो गई है। कोरोना की दूसरी लहर में मौत के बाद नगर निगम में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनपी सिंह के अनुसार मई 2021 में नगर निगम में 2259 लोगों ने मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन किया गया है।
जनवरी से लेकर मई तक 6483 लोगों की मौत हुई है। इसमें जनवरी माह में 1232 लोगों की मौत हुई है, तो वहीं फरवरी महीने में ये आंकड़ा बढ़कर 1366 तक पहुंच गया। दूसरी तरफ मार्च में ये आंकड़ा 739 रहा तो अप्रैल में 887 पर पहुंच गया। मई माह में 2259 लोगों की मौत हुई है। बीते मार्च में 729, अप्रैल में 888 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए। नगर निगम ने बीते साल अप्रैल के महीने में केवल 475 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए थे, लेकिन इस बार अप्रैल में 888 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
नगर निगम स्थित जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण कार्यालय पर हर दिन 30 से अधिक लोग मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि बीते साल मई में महज 10 से 15 लोग ही पहुंच रहे थे। वाराणसी नगर निगम ने एक सीआरएस ऑनलाइन पोर्टल भी लांच किया है, जिस पर सभी सरकारी और निजी अस्पताल अपने यहां रोज होने वाली मौतों को ऑनलाइन फीड कर देते हैं और परिजन एक हफ्ते बाद आकर नगर निगम से प्रमाणपत्र ले लेते हैं।
मृत्यु प्रमाणपत्र आवेदन के लिए ये कागजात जरूरी
मृत्यु के 21 दिन के भीतर आवेदन करने पर प्रमाण पत्र निशुल्क बनता है। इसके बाद आवेदन करने पर 20 रुपए का शुल्क लगता है। अगर घर पर किसी की मृत्यु हुई है तो मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन के साथ दाह संस्कार की रसीद, मृतक का आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ, 2 पड़ोसियों के आधार कार्ड जमा कर सकते हैं।
नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर द्वारा जांच के बाद प्रमाणपत्र बन जाएगा। इसका शुल्क केवल 20 रुपये है। हालांकि यह आवेदन एक माह के अंदर होना चाहिए। इससे ज्यादा देरी पर पहले सीएमओ कार्यालय से और एक साल से ज्यादा देरी पर एडीएम कार्यालय से सत्यापन कराना पड़ता है।