वाराणसी। सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 105 वीं जन्म जयंती पर एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्र कल्याण के डीन एम के सिंह ने अपना विचार रखते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित एकात्म मानव दर्शन में ही भारत की समस्त समस्याओं का समाधान है।
इतिहास विभाग के प्रोफेसर प्रवेश भारद्वाज ने कहा कि पंडित दीनदयाल का एकात्म मानव दर्शन एक समावेशी दर्शन है। पंडित जी की अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की प्रगति चाहते थे। इतिहास विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर अनुराधा सिंह ने कहा पंडित का विचार स्वदेशी और स्वावलंबन के भाव से ओतप्रोत था। इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष केशव प्रसाद मिश्र ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए दीनदयाल जी का विचार दर्शन आज अत्यंत प्रासंगिक हो गया है और वो आधुनिक भारत के विचार दृष्टा और युग दृष्टा थे।
संकायाध्यक्ष कौशल किशोर मिश्र ने कहा कि दीनदयाल के जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण मां भारती की सेवा में समर्पित रहा और दीनदयाल जी राजनीति का आध्यात्मीकरण करना चाहते थे। जो लोग सामाजिक कार्यों और राजनीति के क्षेत्र में है, उनको इस महान विचारक से प्रेरणा लेकर अपने पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
इस मौके पर छात्र कल्याण के डीन प्रोफेसर एमके सिंह, सामाजिक विज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा, छात्र सलाहकार डॉ अनुराधा सिंह, इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर केशव मिश्रा, इतिहास विभाग के प्रोफेसर प्रवेश भारद्वाज, दीनदयाल उपाध्याय पीठ के विवेक कुमार उपाध्याय व अन्य उपस्थित रहे।