वाराणसी। धर्म और आस्था की नगरी कहे जाने वाले काशी में दर्शन पूजन को आने वाले दर्शनार्थियों के पर्यटन एवं दर्शन पूजन में चार चांद लगाते हुए जिला प्रशासन ने नाविकों को नौका संचालन की अनुमति दे दी है। निश्चित नियम व शर्तों के अनुपालन के साथ नाविक, 24 अगस्त, मंगलवार से राजघाट से अस्सी घाट के बीच मोटर बोट का संचालन कर सकते हैं।
गंगा में नौका संचालन के लिए नाविक समाज के शम्भु साहनी ने सोमवार को एडीएम सिटी गुलाब चंद्र से मुलाकात कर गंगा के घटते जलस्तर का हवाला देते हुए, नाविको को पुनः नाव चलाने की अनुमति की मांग की। लगभग 1 माह से गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से नौका विहार को बंद कर दिया गया था। जिसकी वजह से नाविकों की रोजी रोटी की समस्या भी उत्पन्न हो गयी थी। साथ ही साथ घाटों की चमक भी फिखी सी हो गई थी।एडीएम सिटी ने नाविकों की समस्या को संज्ञान में लेते हुए मंगलवार से नौका संचालन को शुरू करने की अनुमति दे दी।
शर्तों के अनुसार होगी नौकाविहार:-
शंभू साहनी ने बताया कि देर शाम एसीपी दशाश्र्वमेध अवधेश पाण्डेय ने फोन करके नौका संचालन मंगलवार को शुरू करने की अनुमति दी साथ ही उन्होंने कहा कि यदि नौका विहार का संचालन प्रारंभ होगा तो ओवर लोडिंग , नौका विहार करने वाले हर व्यक्ति को लाइफ जैकेट पहनना होगा। इस नियम का पालन करना सबके लिए अनिवार्य होगा।
नाविकों व दर्शनार्थियों के चेहरों पर खीली मुस्कान:-
बाढ़ के पानी और नौकासंचालन बंद होने के कारण काशी आने वाले दर्शनार्थी ना तो घाट घूम पा रहें थें और ना ही नौकाविहार का आनंद ले पा रहे थें। पर आज नौकाविहार का आनन्द लेने वाले यात्रियों में अलग संतुष्टि दिखाई दी, हमसे हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर वह बिना नौकाविहार के यहां से वापस चले जातें तो इस अद्भुत दृश्य के अनुभूतियों का मलाल रह जाता। उन्होंने बताया कि उन्हें घाटों के दृश्य को देखकर सुकून एवं आध्यात्मिक सुख की अनुभूति होती है।और उस खुशी को शब्दों में बयां करना मुश्किल है।