वाराणसी। जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक जिलाधिकारी श्री कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आयोजित हुईं। समिति की बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने देखरेख तथा संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चो को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल मदद उपलब्ध कराए जाने हेतु बाल संरक्षण तथा बाल कल्याण कोष का शुभारंभ करने हेतु अनुमोदन किया। इस कोष में कोई भी व्यक्ति सहायता राशि जमा कर सकता है ,जो भी धनराशि कोश में एकत्र रहेगी उस धनराशि से बाल श्रम, बाल भिक्षा वृति, बाल विवाह, बाल यौन शौषण, बाल तस्करी गंभीर बीमारी से प्रभावित उन बच्चो के मदद के लिए उपयोग किया जाएगा। जिन्हे सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की पात्रता में न होने से मदद नहीं मिलती है साथ ही जिलाधिकारी स्वयं भी आवश्यकता अनुसार किसी जरूरत मंद बच्चे को मदद के लिए धनराशि का उपयोग कर सकते है। कोष का संयुक्त संचालन जिलाधिकारी तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी संयुक्त रूप से तथा इसका दस्तावेजीकरण जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा किया जाएगा।
बैठक में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की गई। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बाल संरक्षण योजना के उद्देश्य तथा किए गए कार्यों से समिति को अवगत कराया। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड 19) के कारण माता पिता, अभिभावक को को चुके बच्चो के प्रकरण में ब्लॉक तथा तहसील स्तर से कुल 248 आवेदन पत्र जांचोपरांत प्राप्त हो चुके है जिसमे जिला स्तरीय टास्क फोर्स से 248 आवेदन पत्र स्वीकृत हो चुके है 202 बच्चो के खाते में तीन माह की धनराशि प्रति बालक बालिका 12000 प्रेषित की जा चुकी है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) जिसमे मार्च 2020 के बाद अगर किसी बच्चे के माता पिता दोनों माता पिता में से किसी एक की मृत्यू अगर किसी भी कारण से हुई है तथा जो जीवित है उसकी आय 3 लाख से कम है को 2500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है। इसके तहत 68 बच्चो के आवेदन पत्र डी टी एफ से स्वीकृत हो चुके है ।भिक्षावृत्ति तथा बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किए जाने हेतु उप श्रमायुक्त को निर्देशित किया गया कि श्रम विभाग के सभी अधिकारी को प्रत्येक चौराहे की जिम्मेदारी दी जाए साथ ही संबंधित थाने की पुलिस इस कार्य में सहयोग करेगी इसी के साथ ईटभट्टा, इंडस्ट्रियल एरिया आदि का निरीक्षण कर बाल श्रम में लिप्त बच्चो को मुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। देव दीपावली से पूर्व जनपद को बाल श्रम तथा बाल भिक्षा वृति से मुक्त कराने हेतु निर्देशित किया गया। स्पॉन्सरशिप योजना में विकासखंड वार लंबित आवेदन पत्रों की समीक्षा की गई जिसमे काशी विद्यापीठ 77, अराजी लाइन 87, पिंडरा 6, चोलापुर में 14 आवेदन पत्र विकास खंड स्तर पर लंबित होने के बारे में समिति को अवगत कराया गया इस हेतु मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा सभी खंड विकास अधिकारी को पत्र प्रेषित कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा समिति को अवगत कराया गया की पी एम केयर फंड हेतु पात्र 8 बच्चे जनपद में पाए गए है जिनके माता तथा पिता दोनों की मृत्यू हो गई है। इसी के साथ शिक्षा विभाग, बाल विकास पुष्टाहार विभाग, श्रम विभाग तथा पुलिस विभाग सभी लोग अपने स्तर पर बच्चो की सुरक्षा व संरक्षण के दृष्टिगत अपने कार्यक्षेत्र में सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा बाल श्रम में योजित न हो अगर ऐसा पाया जाता है तो तत्काल जनपद स्तर पर सूचना देते हुए कार्यवाही करवाए। सभी विभागों का दायित्व है कि बाल संरक्षण जैसे संवेदन शील मुद्दों पर बेहतर कार्य करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, नोडल अधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई ग्रामीण तथा कमिश्नरेट, सहायक श्रमायुक्त, शिक्षा विभाग, बाल विकास एवम पुष्टाहार विभाग, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस विभाग, अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, पंचायत विभाग के अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी, मंडलीय तकनीकी संदर्भ व्यक्ति राजकुमार पालीवाल (यूनिसेफ समर्थित कार्यक्रम) तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के स्टाफ उपस्थित रहे।