वाराणसी। भले ही गंगा का बढ़ता जलस्तर थम चुका हो, और धीरे-धीरे घट रहा हो पर अब भी तटीय इलाकों में हुए भीषण जलभराव बना हुआ है। गंगा से सटे रिहायशी इलाकों के साथ साथ खेत और सड़क अभी भी पूरी तरह से जलमग्न है। जिसके कारण कई इलाकों में यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है।
लंका से सामनेघाट जाने वाली सड़क भी बाढ़ के चपेट में आकर अब तक डूबी हुई है, आलम यह है कि सामनेघाट तिराहे पर जहाँ से पुल की शुरुआत होती है उस इलाके में 3 से 4 फ़ीट तक पानी भरा हुआ है। लंका क्षेत्र में स्थित ट्रॉमा सेंटर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में गंगा उस पार से बिहार और उत्तरप्रदेश के कई जिलों के मरीज आतें हैं। बीते कई दिनों से हुए इस भीषण जलभराव के कारण गंगा उस पार के इलाकों से आने वाले मरीजों को विशेषकर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
रौद्र रूप में बहती हुई गंगा सामने घाट पुल के मोड से होते हुए लंका की सड़क पर लगभग 100 मीटर तक बढ़ आई है जिससे गंगा उस पार के विभिन्न इलाकों के मरीजों को ट्रॉमा सेंटर तक आने के लिए विश्व सुंदरी पुल से होते हुए डाफी, तथा राजघाट पुल से मैदागिन की तरफ से घूम कर आना पड़ रहा है जिस कारण उन्हें 1 कि०मी लम्बे रामनगर से ट्रामा सेंटर के बीच की दूरी को तय करने के लिए लगभग उन्हें 10 से 12 किलोमीटर ज्यादा सफर करना पड़ रहा है।
हालांकि एहतियात के तौर पर प्रशासन ने इस मार्ग को वाहनों के प्रवेश के लिए बंद किया है फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से गुजर रहे हैं और रास्तों में पानी से ढके हुए गड्ढों में फस गए हादसे का शिकार हो रहे हैं। देखने वाली बात अब यह है कि मन्द गति से घटती गंगा कब अपने प्रकोप से इस महत्वपूर्ण मार्ग को रिहा करतीं है जिससे मरीजों समेत अन्य राहगीरों को हो रही दिक़्क़त खत्म हो जाय।