वाराणसी । लंका, रथयात्रा, गोदौलिया, चौक, मैदागिन क्षेत्र में मलाइयों के कई दुकाने हैं। जहां गुलाबी ठंड में सुबह से शाम तक इसके कद्रदानों की भीड़ लगी रहती है। ये बनारसी मिठाई सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। ओस की बूंदों से इसे तैयार किया जाता है लिहाजा इसके सेवन से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। दुकानदार मनोज कुमार यादव ने बताया कि इस देशी मिठाई का स्वाद चखने के लिए दूर दूर से लोग यहां आते हैं।
बेहद खास है इसका स्वाद
मलाइयों का स्वाद चख रही गरिमा ने बताया कि उन्होंने इस बनारसी मिठाई के बारे में सुना था अब बनारस आई हैं तो उन्होंने इसका स्वाद चखा है। उन्होंने बताया कि जितना सुना था मलाइयों का स्वाद उससे भी लाजवाब है। बताते चले कि मिट्टी के कुल्हड़ में इस मिठाई को परोसा जाता है। जैसे ही इस मिठाई को जीभ पर रखते है इसकी मिठास मुंह में घुलने लगती है।
ऐसे तैयार होता है ये मिठाई
ठंड के मौसम में कच्चे दूध को ख़ौलाकर पूरी रात उसे खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। इसके बाद उसे मथनी से मथा जाता है। जिससे उसमें झाग पैदा होता है। इसी झाग को अलग बर्तन में रखा जाता है। फिर उसमें केसर, इलाइची, पिस्ता, बादाम और ड्राई फ्रूट्स डालकर उसे कुल्हड़ में परोसा जाता है।