वाराणसी । माता अन्नपूर्णेश्वरी का दरबार मंगलवार को धान की बालियों से सजाया गया। परंपरानुसार मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी पर पूर्वांचल के किसानों ने माता का अपनी धान की पहली फसल अर्पित की। जिसके बाद बुधवार 30 नवंबर को धान की बालियां प्रसाद स्वरूप सुबह से रात तक वितरित की जायेगी।
मान्यता है की पूर्वांचल भर के किसान प्रसाद स्वरूप मिले धान को घर ले जाकर बीज भंडार में रखते हैं ताकि इसकी खेतों में बोआई कर भगवत की कृपा से अन्न-धन के रूप में खुशहाली का प्रसाद पाया जा सके। अन्नपूर्णा मंदिर में मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी से 17 दिवसीय व्रत की परंपरा है। इसका श्रीगणेश 13 नवंबर को 7 गांठ का धागा बांह में धारण कर किया गया था, जिसका उद्यापन भी आज हो गया।