वाराणसी। अगले हफ्ते वाराणसी में वोट डाला जाना है। वाराणसी समेत 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों के लिये अब सियासी दलों ने जोर लगा दिया है। अंतिम चरण के इस मतदान का केंद्र बिंदु बनारस है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गढ़ कहे जाने वाले वाराणसी में गुरुवार को सपा गठबंधन ने एढ़े में जनसभा की तो वहीं बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने चिरईगांव के संदाहां इलाके में विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 2022 में भी 2007 की तरह ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा किया। साथ ही कांग्रेस को जातिवादी, सपा को गुंडाराज और भाजपा को साम्प्रदायिक दल बताया।
मायावती ने कहा कि आजादी के बाद शुरू में काफी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी की ही सरकार रही है। इनकी गलत नीतियों और गलत कार्य प्रणाली के कारण अब ये पार्टी केंद्र और यूपी की सत्ता से बाहर हो चुकी है। ये पार्टी जबरदस्त जातिवादी है। खासकर दलित, आदिवासी और ओबीसी विरोधी पार्टी रही है। केंद्र में रही कांग्रेस ने बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया। इसके अलावा बाबा साहेब के मूवमेंट को आगे बढ़ाने वाले कांशीराम के देहांत पर एक दिन के लिये भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया। यही नहीं मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया। मगर अब कांग्रेस दलित और पिछड़े वोटों के लिये किस्म किस्म का नाटक कर रही है। कांग्रेस जब सत्ता में आसीन होती है और इनके अच्छे दिन होते हैं तो दलितों का उत्थान इन्हें याद नहीं आता।