वाराणसी। बड़ागांव थाना क्षेत्र के हरहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कई कार्टून दवा जलाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। दवाएं जलाये जाने की सूचना मिलते ही मौके पर हरहुआ गांव के दर्जनों युवक वहां पहुंच गए और अधिकारियों को फोन कर सूचना दिए। इस मामले में हरहुआ पीएचसी प्रभारी को जांच सौंपी गयी है।
जानकारी के अनुसार हरहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आवासीय परिसर में कमरों के पीछे से आज अचानक धुआं उठने लगा और तेज धमाके होने लगे। ग्रामीण जब चारदीवारी के बाहर से देखे तो भारी मात्रा में दवाएं जलायी जा रही थी। जिसमें टैबलेट से जहां जहरीला धुंआ उठ रहा था वहीं दवा की शीशियां तेज आवाज के साथ ब्लास्ट कर रही थी। उसके बाद किसी ने फोन कर सीएमओ को जानकारी दे दी। उसके बाद मौके पर काफी संख्या में गांव के युवा पहुंचे और सीएमओ के साथ ही पुलिस को भी सूचना दिए।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एक तरफ गरीब लोगों को दवा नहीं दी जाती है, कहा जाता है कि दवा उपलब्ध नहीं है। वहीं दूसरी तरह दवाओं को नष्ट किया जा रहा है। यह बर्दास्त से बाहर है!हम मामले कि निष्पछ जांच चाहते हैं।
ग्रामीणों की सूचना के बाद मौके पर पहुंची डायल 112 के पुलिसकर्मियों ने प्रभारी और ग्रामीणों से पूछताछ किया। लोगों को शांत कराने के बाद ही सीएमओ व अन्य उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के लिए बोलकर वापस लौट गए। हालांकि, इस मामले में सीएमओ डा बीबी सिंह से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मिली है, जांच करवाया जा रहा है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। वहीं इस बारे में पीएचसी प्रभारी डॉ आर के सिंह के बाद किया गया तो उन्होंने कहा कि दवाओं की तिथि समाप्त हो चुकी थी फिर भी उसे जलाना नहीं चाहिए था।
यह पहली घटना नहीं:
हरहुआ और वाजिदपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। वजिद, मुस्तफा, सोनू , शेरू,राम भवन,कुद्दन, विक्की जायसवाल, राजेश जायसवाल सहित अन्य लोगों ने बताया कि दवाओं के जलाए जाने पर निकलने वाले जहरीले धुएं से लोग परेशान हो जाते हैं। अधिकारियों से शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं की जाती है।
रिपोर्ट: -वीरेश कुमार भारद्वाज