— आक्सीजन लेवल को लेकर सतर्कता बरते,लेवल 95 से नीचे हो तो करें डॉक्टर से सम्पर्क
वाराणसी, 20 अप्रैल। वाराणसी में कोरोना के दिनोंदिन भयावह रूप लेने के चलते बढ़ रहे संक्रमितों की संख्या को देख होम आइसोलेशन में इलाज पर खासा जोर दिया जा रहा है। होम आइसोलेशन में घर पर रहते हुये मरीजों को संयमित दिनचर्या अपनानी चाहिए।
मंगलवार को मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता एवं फिजीशियन डॉ. एके सिंह ने बताया कि होम आइसोलेशन में घर पर इलाज के दौरान संक्रमित का कमरा और लैट्रीन- बाथरूम अलग होना चाहिए। उसे सुबह व्यायाम अवश्य करना चाहिए। मरीज की दिनचर्या को लेकर उन्होंने बताया कि मरीज समय-समय पर गुनगुना पानी पीते रहें। कम से कम 3 से 4 बार गरारा करें और भाप लें, मास्क पहने रहें। मास्क से नाक और मुंह को ढक कर रखें। साबुन-पानी से हाथों को बार- बार धोते रहें। इससे घर वाले संक्रमित होने से बचे रहेंगे।
कंट्रोल रूम से बताई गई दवाइयों का सेवन करें, जैसे – टैब एजीथ्रोमायसिन 500 एमजी 1 रोज, टैब जेंकोविट 1 रोज, टैब विटामिन सी 1 रोज, बुखार आने पर टैब पैरासिटमऑल 500 एमजी दिन में 3 बार तथा टैब आइवर्मेक्टिन 12 एमजी लगातार 3 दिन तक अवश्य लें। प्रोटीन का सेवन करें। मिर्च और मसाला से दूर रहें। सादा एवं संतुलित भोजन करें। साथ ही साथ आयुर्वेदिक काढ़ा का भी प्रयोग करते रहें। ठंडी चीजों का परहेज करें।
इस दौरान ध्यान रखना है कि होम आइसोलेशन में 17 दिन तक रहना है, मरीज अपने कमरे में 10 दिन तक रहें। 10 दिन के बाद 7 दिन तक कोविड नियमों का पालन करते हुये रूम के बाहर टहल सकते हैं। समस्या होने पर समय से सूचना दें, ताकि स्वास्थ्य टीम मौक़े पर पहुँच कर मदद कर सके या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर उपचार कराया जा सके।
कोरोना में सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार कोरोना का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है। ऐसे में मरीजों को जल्दी-जल्दी सांस लेनी पड़ सकती है और थकान महसूस हो सकती है। इसके लिए यह जरूरी है कि अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें और रोजाना सुबह सांस सम्बन्धी व्यायाम करें। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वालों को समय-समय पर अपने आक्सीजन स्तर कि जाँच करते रहना चाहिये। उन्होने बताया कि आक्सीजन का स्तर 95 से अधिक है तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं लेकिन यह 90 से 94 के बीच हो तो तत्काल कंट्रोल रूम या चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिये।
आक्सीजन लेवल नीचे जाने से परेशानी बढ़ सकती है और अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना उपचाराधीन एवं देखभाल करने वाले व्यक्ति नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अगर कोई बदलाव महसूस करें तो तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करें। और साथ ही साथ शरीर में आक्सीजन कि संतृप्तता (सेचुरेशन) 95 फीसद से कम होती है या सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है तो कंट्रोल रूम से संपर्क करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले लक्षण विहीन कोविड पॉज़िटिव मरीजों को एक किट खरीद कर रखना चाहिए, जिसमें पल्स आक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लब्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट साल्यूशन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वस्तुएँ शामिल हों।
कोरोना को हराने के लिए भीड़ वाले जगहों पर जाने से बचे
कोरोना को हराने के लिए सार्वजनिक सभाओं या आयोजनों में जाने से बचना होगा। शॉपिंग मॉल्स, सिनेमा हाल में इन दिनों जाने से परहेज करें। अस्पताल में जाएं तो सतर्क रहें। इसलिए बचाव के लिए मास्क,सोशल डिस्टेंसिंग के साथ टीकाकरण कराना भी बेहद जरूरी हैं। सेनेटाइजर का उपयोग करें, रेस्टोरेंट में खाने से परहेज करें, अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखें, बेवजह बाहर न जाएं, बुजुर्गों और बच्चों का ख्याल रखें। सभी को वैक्सीनेशन करवाना चाहिए इससे कोरोना की बढ़ती रफ्तार को काफी हद तक रोका जा सकता है।