वाराणसी। काशी की परंपराओं को जीवित रखने में प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल का कोई जोड़ नहीं। दशकों पूर्व काशी में बहरी अलंग का आनंद काशीवासी लेते थे। इसी बहरी अलंग की परंपरा को बनाए रखने के लिए मंत्री जायसवाल प्रतिवर्ष सावन के अंतिम रविवार को सारनाथ स्थित सारंग नाथ महादेव मंदिर में शहर उत्तरी के कार्यकर्ताओं के साथ बाबा का दुग्धअभिषेक करते हैं। तत्पश्चात चावल, दाल, बाटी व चोखा आदि बनता है। हजारों लोग इस बाबा का प्रसाद ग्रहण करते हैं। सावन के अंतिम रविवार को भी यही हुआ। स्मरण रहे कि विगत 2 वर्षों से यह आयोजन करो ना के चलते नहीं हो सका था किंतु इस वर्ष होने पर शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया हजारों की संख्या में कार्यकर्ता सुबह 10 बजे से ही सारंग नाथ मंदिर पहुंच गए। दर्शन पूजन अभिषेक के बाद बाटी, चोखा का कार्यक्रम चला। जो शाम 5 बजे तक चलता रहा। मंत्री ने सर्वप्रथम विधि विधान के साथ गणेश पूजन कर सारंग नाथ बाबा का जोगिया अभिषेक जलाभिषेक किया। इसके उपरांत बाती चोखा का कार्यक्रम देर शाम तक चला।
इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता पदाधिकारी हजारों की संख्या में कार्यकर्ता के अलावा दर्शनार्थियों ने भी बाटी चोखा का आनंद लिया। प्रमुख रूप से पूर्व एमएलसी केदारनाथ सिंह पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश सिंह अलगू, सुधीर मिश्रा, अरविंद सिंह, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष कुसुम पटेल, साधना सिंह, अनीता पटेल, उत्तरी के चारों मंडल अध्यक्ष सभी पार्षद और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। इस मौके पर भजन लोकगीत कजरी का भी आयोजन हुआ। जिसके मुख्य गायक कलाकार मासूम अली, सोना मिश्रा, चंद्रकांत, पंकज कुमार और अशोक कुमार रहे।