राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि मानते हुए, अनेक प्रकार के आपदाओं के दौरान जन मानस के जान माल की सुरक्षा हेतु अपने ध्येय वाक्य "आपदा सेवा सदैव सर्वत्र" के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है । विभिन्न प्रकार के आपदाओं के दौरान त्वरित राहत बचाव कार्यों को पूरा करने हेतू नए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर आपदा प्रबंधन क्षेत्र में नए आयाम को भी स्थापित कर रहा है। इसी क्रम मे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा आज वाराणसी के राजघाट के सामने एवं चंदौली में साहुपुरी के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार के परिदृश्यों को तैयार कर, भारत सरकार के अग्नि प्रोग्राम "प्राइम मिनिस्टर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इन्नोवेशन एडवाइजरी काउंसिल" के तहत विभिन्न प्रकार के आधुनिक उपकरणों का प्रयोग कर ट्रायल किया गया । आज के इस ट्रायल में सैफ सीस (सेल्फ पावर्ड लाइफबॉय), आईरोव (जल निगरानी), सागर डिफेंस (मानवरहित सतह वाहन), गरुड़ एयरोस्पेस, द्रोण मैप्स जैसे आधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया गया।
इस दौरान गंगा नदी में नाव पलटने जैसी घटना का चित्रण किया गया एवं खोजी अभियान में उपकरण का मदद लिया गया, कुछ ऐसे भी जगह थीं जहां पर लोग फंसे हुए थे उन्हें स्वचालित बोट के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया । चन्दौली में बिल्डिंग में फंसे हुए लोगों तक जरूरी दवाई एवं खाने की सामग्री ड्रोन के द्वारा भेजी गई और मकान में लगी आग को बुझाने में फायर बाइक का भी ट्रायल लिया गया । इसके साथ साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र या ध्वस्त ढांचे की मैपिंग कर ड्रोन के जरिए राहत बचाव कार्यों मे मदद लेने का भी ट्रायल लिया गया । ट्रायल मे दौरान श्री मोहसिन शहीदी, उप महानिरीक्षक (ऑपरेशन) मुख्यालय राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, कमांडेंट श्री मनोज कुमार शर्मा, कमांडेंट श्री पी. के. तिवारी, द्वितीय कमान अधिकारी श्री ज्ञानेश्वर सिंह, उप कमांडेंट (सुचना प्रौद्योगिकी) श्री दीपक बमोरिया और श्री अनघ सिंह, मैनेजर डिफेंस एंड सिक्योरिटी अग्नि मिशन और उनकी टीम के सदस्य शामिल रहे।
इस प्रकार के आधुनिक उपकरण निश्चित रूप से भविष्य मे आपदा के दौरान राहत-बचाव कार्य हेतु बहुत ही उपयोगी सिद्ध होंगे। भारत सरकार के ,"मेक इन इंडिया" अभियान के तहत भारत के विभिन्न स्टार्ट अप्स को एक मंच दिया जा रहा है और एनडीआरफ को अवसर मिला है कि वह इन उपकरणों को देख व जान सके।