वाराणसी। मध्य प्रदेश से आने वाली चंबल नदी में राजस्थान के धोलापुर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गंगा खतरे के निशान के बिल्कुल करीब पहुंच गई है। गंगा और वरुणा से सटे इलाकों और कॉलोनियों में बाढ़ का पांव प्रवेश कर गया है।
रविवार को एनडीआरएफ टीम संग कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा ने खुद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने गंगा और वरुणा क्षेत्र में मोटर बोट के माध्यम से बाढ़ प्रभावित इलाकों और प्रशासन द्वारा चिन्हित की गई वार्ड चौकियों का भी दौरा किया।
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ द्वारा दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और वरुणा के निचले इलाकों में एक टीम और सामने घाट और मारुति नगर में एक टीम को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त दो टीमें तैयारी हालत में चौकाघाट वाहिनी मुख्यालय में मौजूद हैं। वहीं, वाराणसी के दौरे पर आये जल शक्ति मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने राजघाट, सरैया आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का एनडीआरएफ टीम के साथ स्थिति का जायजा लिया। एनडीआरएफ द्वारा किये जा रहे राहत बचाव कार्यों की सराहना की।
सामने घाट के मारुति नगर के जलभराव वाले इलाकों से एनडीआरएफ टीम द्वारा लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इसी बीच कंट्रोल रूम में मारुती नगर से एक कॉल आई, जिसके अनुसार एक व्यक्ति का पैर टूट गया था जो उस इलाके में पानी भरने के कारण घर के फंस गया था। एनडीआरएफ की मेडिकल टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्पलिंट के माध्यम से टूटे पैर को स्थिर किया। प्राथमिक उपचार देकर बोट के माध्यम से स्थानीय अस्पताल पहुंचाया।
11वीं बटालियन कमांडेंट मनोज कुमार बताया ने कि बाढ़ पर प्रभावित क्षेत्रों के लोग किसी भी सूचना, सहायता के लिए हमारे हेल्पलाइन नंबर 8004931410 पर कॉल करके संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील किया कि भयभीत न हों, धैर्य बनाकर रखें, एनडीआरएफ आपके साथ है। हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। बताते चलें कि कमांडेंट के निर्देशन में यूपी और एमपी में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात हैं।