वाराणसी। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव वाराणसी दौरे पर शनिवार की सुबह काशी रेलवे स्टेशन और राजघाट स्थित मालवीय पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल सहित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। रेलमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में बने 135 साल पुराने मालवीय पुल की जगह अब नया पुल बनाया जाएगा। यह पुल रेलवे की चार लाइन और उसके ऊपर हाईवे की सिक्स लेन वाला होगा। उसी नए पुल के लिए निरीक्षण में समझा गया है कि पुराने पुल के समक्ष नए पुल की साइट, एलाइनमेंट और डिजाइन कैसी होगी।
उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने कहा कि काशी रेलवे स्टेशन पुराने समय से महत्वपूर्ण स्टेशन है। इसका रि-डेवलेपमेंट आर्थिक गतिविधियों के उद्देश्य से 350 करोड़ रुपए से किया जाएगा। इस स्टेशन का रि-डेवलपमेंट काशी की धार्मिक संस्कृति को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। काशी रेलवे स्टेशन जल, थल और नभ मार्ग से कनेक्ट होगा।
रेल मंत्री ने बताया कि काशी रेलवे स्टेशन के रि-डेवलपमेंट का डिजाइन जल्द ही फाइनल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अप्रूवल लिया जाएगा। काशी रेलवे स्टेशन के रि-डेवलपमेंट में अधिकतम ढाई से तीन साल लगेंगे। इसमें एक महत्वपूर्ण बात यह रहेगी कि इनलैंड वाटर-वे की जेटी भी काशी स्टेशन के साथ जुड़ती हुई बनेगी। उससे यहां का कंप्लीट इंटर मॉडल डेवलपमेंट होगा।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते आठ वर्ष में रेलवे में अभूतपूर्व सुधार किया है। उन्हीं की प्रेरणा से देश में रोजाना रेलवे 12 किलोमीटर नई पटरी बिछा रहा है। बनारस की बुलेट ट्रेन के सर्वे के लिए काम लगातार चल रहा है। देश के पहले बुलेट प्रोजेक्ट अहमदाबाद से मुंबई से हमें बहुत कुछ नया सीखने को मिल रहा है। उस प्रोजेक्ट से मिली सीख से हमें देश के अन्य हिस्सों में भी काम करने में सहूलियत मिलेगी।