वाराणसी। वाराणसी के मुख्य पर्यटक स्थल में से अस्सी घाट पर आम जनमानस के साथ-साथ दिव्यांग जनों के सुगम आवागमन हेतु प्रशासन द्वारा रैंप का निर्माण कराया जा रहा है परंतु रैंप के स्थान को लेकर दिव्यांग जनों ने आपत्ति जताई इसी क्रम में मंगलवार को अस्सी घाट पर अनियोजित ढंग से रैंप के निर्माण के विरोध में दिव्यांगों ने धरना-प्रदर्शन भी किया।
दिव्यांगजनों की मांग है कि रैंप के लिए सही स्थल का चुनाव किया जाए, ताकि क्षेत्रीय के साथ ही दूरदराज से आने वाले दिव्यांग, बुजुर्ग और शारीरिक रूप से अक्षम लोग आसानी से मां गंगा के दर्शन और पूजन कर सकें। दिव्यांगजनों का आरोप है कि कुछ नेताओं के दबाव में रैंप ऐसी जगह बनाई जा रही है, जहां इसका कोई लाभ ही नहीं मिलेगा।
तय स्थान पर नहीं हो रहा रैंप का निर्माण:-
धरना प्रदर्शन करने वालों में दिव्यांग सूरज कुमार ने बताया कि प्रशासन से अस्सी घाट पर रैंप बनाने की मांग की थी, ताकि घाट की ऊंची सीढ़ियों से बचकर वे मां गंगा तक पहुंच सकें। प्रशासन ने जगह का चयन अस्सी घाट पर बने नए गेट पर कर लिया था। पूरी योजना से हमें अवगत भी कराया गया था। योजना के अनुसार, अस्सी घाट पर सुबहे बनारस के मंच के ठीक पीछे से दिव्यांगों का रैंप बनाया जाएगा। सुबह और शाम को यहां आने वाले दिव्यांग पर्यटकों को इससे सुबहे बनारस की आरती देखने में सुविधा होगी। साथ ही इससे नीचे कुछ सीढ़ियों पर बने कम ढलान वाले रैंप पर वह आसानी से मां गंगा का स्पर्श करने जा सकेंगे।
दिव्यांगजनों का आरोप है कि कुछ क्षेत्रीय नेताओं के दबाव में प्रशासन ने यहां का प्लान बदल दिया। इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय समेत अन्य अधिकारियों के यहां ज्ञापन सौंपा गया था। आश्वासन दिया गया था कि रैंप सही स्थान से बनाया जाएगा। मगर पिछले दिनों घाट के बीच से रैंप बनाने का काम शुरू कर दिया गया।
ऐसी स्थिति में रैंप का नहीं होगा कोई फायदा:-
दिव्यांगजनों ने कहा कि रैंप बनने के बाद यह किसी तरह भी कारगर नहीं होगा। रैंप के लिए सुलभ शौचालय के बगल का मार्ग चुना गया है। सुबह यहां पर स्नानार्थियों और शाम को पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। पीछे से आने वाली गली में दोपहिया वाहन पार्किंग होने के कारण चारपहिया वाहन घाट तक नहीं आ सकते। दुकानों और लोगों की भीड़ के बीच से दिव्यांगों का उतर का घाट तक पहुंच पाना बेहद दुरूह कार्य है।
ढाल ज्यादा होने के कारण दिव्यांगों के साथ यहां हादसे का डर भी हमेशा बना रहेगा। दूसरी तरफ, नया अस्सी घाट पर रैंप बनाने का लाभ यह होगा कि दूर से आने वाले दिव्यांग पर्यटक अपने चारपहिया वाहन से रैंप के बिल्कुल करीब उतर सकते हैं और यहां से व्हील चेयर पर बैठकर सुबहे बनारस की आरती और गंगा दर्शन आराम से कर सकते हैं, लेकिन हम दिव्यांगों की परेशानी पर प्रशासन ने ध्यान तक नहीं दिया और रैंप बनाने की खानापूर्ति की जा रही है।
इसी के विरोध के लिए अस्सी घाट पर धरना प्रदर्शन किया गया है। दिव्यांगजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके प्रतिनिधियों से मांग किया है कि इस समस्या को ध्यान में रखकर रैंप को उचित स्थान से बनाया जाए ताकि हमारी तकलीफ कम हो सके।